हरिद्वार।
सोमवती अमावस्या पर्व पर देश के अलग—अलग प्रांतों से आए लाखों श्रद्धालुआें ने गंगा में स्नान कर पुण्य का लाभ अर्जित किया। अल सुबह से ही गंगा घाटों पर स्नानर्थियों का हुजुम में उमडऩेे लगा। पुुलिस प्रशासन की आेर से चौक चौबंद व्यवस्था के चलते गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुआें को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। जीरो जोन पर बड़े वाहनों का प्रवेश पूर्ण रुप से बंद रहा। दोपहिया वाहनों को आने—जाने के लिए समय—समय पर जाने दिया गया। वर्ष का अंतिम गंगा स्नान सकुशल संपन्न हो गया।
सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु तीर्थनगरी में पहुंचते हैं। साल का अंतिम स्नान होने व नव वर्ष के आगमन को देखते हुए पुलिस प्रशासन की आेर से संपूर्ण मेला क्षेत्र को 14 जोन 39 सेक्टरों में बांटा गया था। रविवार की रात से श्रद्धालुआें को तीर्थनगरी में आना शुरु हो गया था। सर्द मौसम व प्रयागराज में महाकुंभ के चलते सोमवती अमावस्या में पूर्वानुमान के अनुसार श्रद्धालुआें की संख्या अपेक्षा से कम रही है। गर्मी के सीजन में सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुआें की तादाद इतनी अधिक हो जाती है कि पुलिस प्रशासन को व्यवस्था बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सर्द मौसम होने के कारण तीर्थनगरी में आने वाले श्रद्धालुआें की संख्या अपेक्षा से कम रही। हरकी पैड़ी समेत तमाम गंगा घाटों पर अल सुबह से स्नान करने वाले स्नानर्थियों की भीड़ जुटने शुरु हो गयी। हरकी पैड़ी से प्रशासन की आेर घाटों से तख्त हटवा दिए गए थे। गंगा स्नान का क्रम से सुबह से शुरु हुआ आेर देर सायं तक चलता रहा है। महिलाआें ने गंगा स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर अपने पति की दीर्घायु कामना की गयी। दूर दराज से आए श्रद्धालुआें ने गंगा तट पर अपने पितरों की आत्मा की शांति के दान कर पुण्य का लाभ कमाया। हरकी पैड़ी गंगा घाट के अलावा अन्य घाटों पर भी श्रद्धालुआें ने गंगा ने स्नान किया। सोमवती अमावस्या पर्व पर यातायात प्लान में परिवर्तन किया गया था। भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पूर्ण रुप से प्रतिबंध था। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए अलग—अलग स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गयी थी। गंगा घाट पर जल पुलिस के जवान अलर्ट थे। प्रमुख घाटों पर जल पुलिस की तैनात की गयी थी। गंगा घाटों पर भीड़ बढऩे पर पुलिस की आेर से अलाउंस कर घाटों को खाली कराया जा रहा था। देर सायं तक लाखों श्रद्धालुआें ने गंगा स्नान कर पुण्य का लाभ कमाया। नारायणी शिला में पितरों के लिए कर्मकाण्ड कराने वाले लोगों की काफी भीड$ थी। पुलिस को भीड़ नियंत्रण करने के लिए अलग से इंतजाम किए गए थे। पुलिस की आेर से देर सायं तक करीब सात लाख श्रद्धालुआें के स्नान कर लेने का अनुमान था।