उत्तराखंड हरिद्वार

किसान के प्रार्थना पत्र को कानूनगो कार्यालय से बराबर वाले कमरे में पहुंचने में लगे आठ महीने, अभी भी नही हुआ समाधान

अभी तक भी नहीं हुआ मौके का मुआयना निस्तारण कब तक पता नहीं
-किसान ने अनुमति की उम्मीद छोड कर रहा गेहूं बोने की तैयारी
हरिद्वार/ पथरी। 
नसीरपुर कला गांव के एक किसान को प्रशासन के सामने 10 महीने चक्कर काटने बाद भी खेत के समतलीकरण की अनुमति न मिलने के बाद प्रशासन से न्याय की उम्मीद छोडते हुए अब जैसे कैसी जमीन में गेहूं बोने की तैयारी शुरू कर दी है नसीरपुर कला निवासी मानसिंह पुत्र शंकर सिंह के खेत के पूरब और पश्चिम दिशा के खेत वालों ने अपने खेत का मिट्टी का खनन कर कर खेत काफी गहरा कर लिया जिसकी वजह से इस किसान के खेत में मस्कर पैदा हो गई और उसके खेत का पानी बराबर वाले खेत में चला जाता है और खेत की मिट्टी भी कट रही है इस लिए इस लघु किसान ने रोशनाबाद जिलाधिकारी कार्यालय जाकर खेत के समतलीकरण करने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने प्रार्थना पत्र के साथ में अपने खेत की नकल और खेत की स्थिति को दर्शाते हुए फोटो भी लगाए थे जिलाधिकारी कार्यालय ने जनवरी की 2 तारीख को यह प्रार्थना पत्र उप जिलाधिकारी हरिद्वार को फारवर्ड कर दिया था उप जिलाधिकारी हरिद्वार ने 24 जनवरी को तहसीलदार हरिद्वार को और उसके बाद तहसीलदार हरिद्वार में 4 फरवरी को कानूनगो राजस्व निरीक्षक को रिपोर्ट देने के लिए कहा था। राजस्व निरीक्षक कार्यालय में यह पत्र 8 महीने एक दिन तक धूल फाख्ता रहा और 5 अक्टूबर 2023 को यह प्रार्थना पत्र लेखपाल शारदा देवी तक पहुंचा। यानी बराबर वाले हाल तक पहुंचने में इस प्रार्थना पत्र को 8 महीने लग गए। इसके बाद किसान ने अंतिम बार जब लेखपाल शारदा देवी से पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास तो अभी इस पत्र को आए 15 दिन हुए हैं चलो मैं कल मौका मुआयना करने आती हूं, लेकिन किसान खेत में बैठा लेखपाल का इंतजार करता रहा लेकिन लेखपाल नहीं आई। उसके बाद दोबारा फोन करने पर उन्होंने कहा कि वह शनिवार को जरूर आएगी साथ में कानूनगो साहब को भी लेकर आएगी। लेकिन आज तक इस किसान की समस्या को देखने कोई नहीं आया। जब इतने दिनों तक अधिकारियों ने मौका  मुआयना ही नहीं किया तो इस प्रार्थना पत्र का निस्तारण में और कितने दिन लग जाते। क्योंकि फिर रिपोर्ट इसी क्रम के अनुसार वैसे ही उस कार्यालय तक पहुंचनी थी, जहां से यह शुरू हुई थी। थक हार कर किसान ने अपनी दूसरी फसल की तैयारी शुरू कर दी। 8 महीने तक कानूनगो कार्यालय में पडे रहे प्रार्थना पत्र के विषय में जब राजस्व निरीक्षक धर्मवीर सैनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लेखपाल डाक लेती ही नहीं बडी मुश्किल से रिसीव कराई है। चलो इस मामले को कल दिखवाने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि अगर यह प्रार्थना पत्र किसी मिट्टी के खनन माफिया का होता तो शायद इतना समय बिल्कुल ना लगता और शायद मौका मुआयना करने की भी जरूरत ना पडती।

 

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