हरिद्वार।
समाज में आये दिन देखने का उद्देश्य यह है कि कोई युवा नशा करते समय नशे की लत को दूर करने का प्रयास कर रहा है। उनका परिवार नशे के कारण टूट रहा है। नशा एक ऐसा रोग है जिससे साक्षात् समाज का दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। नशे के कई बुरे लोग हैं – व्यापारी, व्यापारी, इस्तेमाल करने के लिए आदि यूज़िक रोकधाम के लिए एनडीपीएस अधिनियम में कई कठोर प्रावधान किए गए हैं। नशा समाज किस प्रकार से प्रभावित होता है, इसकी जानकारी उच्च न्यायालय के उद्घाटनकर्ता एवं भारतीय जागरूकता समिति के अध्यक्ष ललित मिगलानी ने दी, जिसमें कहा गया कि नशा समाज के रूप में हम सभी प्रभावित हो रहे हैं। यदि कोई एक युवा अपने नेटवर्क में आता है तो उसका पूरा समाज प्रभावित होता है। इसका लाभ हम सबका कर्तव्य ही नहीं जिम्मेदारी भी है। इसका नुकसान एवं कानून की जानकारी का प्रचार प्रसार करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। नशे का कारोबार करने वाले को सख्त सजा का प्रावधान है। जिसमें पकड जाने पर 1 साल से लेकर आयु वर्ग का प्रोविजन है। नशा हमारी कंपनी को प्रभावित करके शरीर को नष्ट कर देता है। लडने के खिलाफ़ आमोद-प्रमोद नशे की ज़रूरत है। है. नशा हमारी कंपनी को प्रभावित करके शरीर को नष्ट कर देता है। लडने के खिलाफ़ आमोद-प्रमोद नशे की ज़रूरत है। है. नशा हमारी कंपनी को प्रभावित करके शरीर को नष्ट कर देता है। लडने के खिलाफ़ आमोद-प्रमोद नशे की ज़रूरत है।