उत्तराखंड हरिद्वार

राशन की कालाबाज़ारी मिलता हैआधा राशन

हरिद्वार।
अब सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर व मार्केटिंग इंस्पेक्टर ने सम्भाल लिया है। राशन माफिया योगी का कारोबार। हरिद्वार में राज्य सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले निशुल्क चावल की कालाबाजारी का कार्य रुकने का नाम नहीं ले रहा है।प्रति माह इस कारोबार में एक करोड़ रु का खेल है। ज्वालापुर के खाद्य गोदाम पर मंडराने वाले राशन माफिया पर जिलाधिकारी कमरेंद्र सिंह के आदेशों पर रोक लग गई है। गोदाम के मुख्य द्वार को बंद करवा दिया गया है लेकिन राशन माफिया योगी जो कनखल का रहने वाला है के तार इस काम में इस कदर मजबूत हैं कि अब यह कार्य एस एम आई व एम आई ने संभाल लिया है।पहले राशन माफिया योगी खुद एस एम आई की कुर्सी पर बैठ कर काम किया करता था। और दुकानदारों को आधा चावल ही देता था अब भी दुकानदारों को आधा चावल ही मिल रहा है। यदि कोई दुकानदार आनाकानी करता है तो इसके लिए योगी साहब के पास एस एम आई का फोन पहुंच जाता है।और योगी साहब अपने आका जिलापूर्तिअधिकारी कार्यालय को चावल देने में आनाकानी करने वाले दुकानदार की शिकायत करते है।और वहां से पूर्ति इंस्पेक्टर या खुद साहब दुकानदार को धमकाने के लिए उसकी दुकान पर पहुंच जाते हैं और उसके रजिस्टर उठाकर लाने और दुकान को सस्पेंड करने की धमकी देते है। हारकर दुकानदार को आधा चावल छोड़ना पड़ रहा है ।अब लालढांग क्षेत्र जहां 18 दुकान हैं वहां का काम भी पूरी तरीके से राशन माफिया योगी के पास है । वहां से लाखों रुपए प्रति माह की आमदनी योगी को है क्योंकि वहां जांच करने जाने वाला भी कोई नहीं है क्योंकि लालढांग हरिद्वार से काफी दूर पड़ता है इसलिए निर्भीक होकर वहां काम चलता है वहाँ पर नेगी नाम का दुकानदार योगी ने नियुक्त किया हुआ है जो योगी का पूरा कारोबार देखा है हाल ही में देहरादून में भी जिला अधिकारी सविन बंसल ने छापे मार कर भारी मात्रा में अनियमितताएं राशन गोदाम पर पाई है ऐसा नहीं की हरिद्वार में राशन गोदाम पर अनियमितताए न पाई गई हो हरिद्वार में भी जिलाधिकारी कमरेंद्र सिंह ने सूचना मिलने पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों से खाद्य गोदाम से 4000 से भी अधिक बोरी चावल ब्लैक मार्केट में जाने से पहले ही पकड़ लिया था । लेकिन इस मामले में लिपापोती होने से ज्यादा कुछ नही हो पाया।क्योई एस एम आई और जिला पूर्ति कार्यालय की ऊपर तक पहुंच होने के कारण इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है लोगों का कहना है कि जब राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाला चावल गरीबों के पास तक पहुंच ही नहीं रहा है और यह सारा माल ब्लैक मार्केट में मिल मालिकों के पास जा रहा है तो तो इस योजना को बंद क्यों नहीं कर दिया जाता । जिलाधिकारी कमरेंद्र सिंह अपनी तरफ से शिकायतें मिलने पर कार्रवाई करवाते हैं और इन कार्यवाहीयो में उनको सफलता भी प्राप्त होती है जो सफलता आज तक यहां तैनात जिला पूर्ति अधिकारी को नहीं मिल पाई है। जिलापूर्तिअधिकारी का विरोध राशन दुकानदारों के साथ ही जिलापूर्ति कार्यालय में भी है।लेकिन खुलकर कोई नही बोलता इसके पीछे दुकानदारों को डर रहता है।की उनकी दुकान छीन लेने का जो पावर जिलापूर्तिअधिकारी के पास है।यही हाल पूर्तिअधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों का है।उनको भी डर रहता है।की यदि वो मुँह खोलेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही कर दी जायेगी।

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