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प्रशासनिक लापरवाही… अतिक्रमण बना राहगीरो के लिए जी का जंजाल

हरिद्वार।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते फुटपाथ और सडक के आस पास खाली पडी भूमि पर अतिक्रमण के कारण शहर में दिनभर जाम की स्थिति रहती है। मनमानी पार्किंग व मनमाने अतिक्रमण की वजह से वाहन चालकों की बात तो दूर पैदल राहगीर के लिए मार्ग से चलना दूभर हो गया हैं। शहर में पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बैंक, दुकान व अन्य निजी कार्य से आए लोग अपने वाहन सडकों पर खडा कर देते हैं और यह वाहन सडकों पर घंटों खडे रहते हैं। इस दौरान राहगीरों को जाम की स्थिति से जूझना पडता हैं। शंकर आश्रम तिराहे से सिंहद्वार जाने वाला मार्ग पर फुटपाथ पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है। यहां सुबह होते ही फुटपाथ पर दुकानें सज जाती हैं। कार सजावट से मोटर साईकल, बाइक आदि की रिपेयर का कार्य सडक पर धडल्ले से चल रहा हैं। यही हाल ज्वालापुर में ऊं चे पुल से जटवाडा पुल तक पहुंचने पर पुरानी कहावत याद आती है चिराग तले अंधेरा ज्वालापुर कोतवाली के सामने ही प्रतिदिन शाम को अतिक्रमण के कारण जबरदस्त जाम लगा रहता है। ज्वालापुर को देहात और हाईवे से जोडने वाला ये सबसे व्यस्तत्म चौराहा दिन भर जाम का झाम झेलता है। सडक के दोनों आेर रेडी वाले मनमाना अतिक्रमण कर करीब 80 मीटर चौडी सडक को 40 फुट की बना दिये है। नगर निगम द्वारा यहीं पर वेंडिंग जोन भी बनाया गया है। जिसमें बहुत सारे वेंडर को अपना रोजगार करने के लिए निगम द्वारा खोखे एलाट किये गये है। बावजूद उसके यह वेंडर उनको दिए गए खो—खो में अपना सामान न रखकर उसके बाहर रेडी लगाकर सामान बेचते हैं। जिससे सडक पर अतिक्रमण कम होने के बजाय और अधिक बढ गया है। यही नही आलम यह है कि जिनकी दुकाने प्रतिष्ठान, बडी—बडी दुकान वालों ने भी दुकान की सीमा से बाहर सामान व बोर्ड सजा रखे है। शहर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं जहां पर अतिक्रमण का नाजारा न हो। फुटपाथ कभी पैदल राहगीरों के लिए हुआ करते थे आज प्रशासन की लापरवाही  पैदल चलने वाले से लेकर वाहनो मे चलने वाले राहगीरों पर भी भारी पड रही हैं। इन फुटपाथों पर कब्जे किये जा चुके है, प्रेमनगर पुल के निकट भी प्रत्येक शाम यही आलम रहता है वहां सडक तो संकरी है ही साथ ही रेहडी वालो और पार्किग के कारण बुरी तरह जाम लगता है जिसमें कई बाद एम्बुलेस तक फं स जाती है। हाल ही में हाई कोर्ट नैनीताल ने सार्वजनिक स्थल से अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश जारी किए हैं बावजूद उसके प्रशासनिक अधिकारी इन आदेशों पर हिलाहवाली करने में लगे हैं।