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हरिद्वार।
चंडीघाट स्थित श्री संकल्प सिद्ध हनुमान मंदिर गौरीशंकर गौशाला आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष बाबा बलराम दास हठयोगी के संयोजन में आयोजित श्रीराम यज्ञ की पूर्णाहूति पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड$ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड$ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों का कल्याण होता है। सभी को संतों के सानिध्य में प्राप्त ज्ञान का अनुसरण करते हुए और जन—जन के आराध्य भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र को आत्मसात कर आदर्श समाज बनाने में सहयोग करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज एवं महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि प्राचीन ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित संत परंपरा का पालन करते हुए संत महापुरूष समाज को ज्ञान व अध्यात्म की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज के अथक प्रयासों से ही अयोध्या में भव्य व दिव्य श्रीराम मंदिर आकार ले रहा है। बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सनातन धर्म संस्कृति विश्व में अद्वितीय है। संत महापुरूषों द्वारा प्रसारित अध्यात्मिक संदेशों से पूरी दुनिया को मार्गदर्शन मिलता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बन रहा प्रभु श्रीराम का भव्य व दिव्य मंदिर सनातन धर्म व संस्कृति का प्रमुख केंद्र होगा और संत महापुरूषों के सानिध्य में भारत विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होकर अध्यात्मिक रूप से पूरे संसार का मार्गदर्शन करेगा। संत सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले संतों के जप तप से ही संसार फल फूल रहा है। विधायक सहदेव पुण्डीर, ग्राम प्रधान पिंकी, देशराज, राजेश तिवारी, भीमसिंह पुण्डीर आदि ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत रघुवीर दास, महंत देवेंद्र तोमर, स्वामी सत्यवतानंद, महंत गोविंददास, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सतीश गिरी, महंत कृष्ण देव, सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी रविदेव शा ी, महंत सियाराम दास, महंत दिनेश दास, महंत हितेश दास, महंत महेश दास, महंत दुर्गादास, शिवेंद्र प्रकाश मित्तल, जगदीशलाल पाहवा, डा. विशाल गर्ग, अश्विनी सैनी आदि मौजूद रहे।