धर्मनगरी हरिद्वार में ऑक्टागन के बाद अब मारवेला सिटी के नाम पर भी लोगों से करोड़ों की ठगी
हरिद्वार।
सपनों का आशियाना बनाने का ख्वाब दिखाकर निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। कंपनी ने निवेशकों से रकम वसूली की मगर फ्लैट दिये नही। करीब सात वर्षो तक निवेशको का आधे— अधूरे फ्लैट का सौदा अब एक बड़ी कंपनी से कर दिया गया। जिसके बाद से निवेशक दर – दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली—हरिद्वार पर पतंजलि योगपीठ के पास करीब सात वर्ष पूर्व मारवेला सिटी के नाम से एक टाउनशिप बनाई जा रही थी। फ्लैट की कीमत 20 लाख से 35 लाख और विला की कीमत 60 लाख रुपये रखी गई। दिल्ली से करीब 200 लोगों ने फ्लैट और विला खरीदने के लिए निवेश किया। निवेशको के अनुसार कम्पनी ने उन्हें कुछ वर्षो में फ्लैट और विला तैयार करके देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन फ्लैट तैयार नहीं किए गए। टाउनशिप में बनाई गई बिल्डिंग भी खण्डहर हो गई। निवेशकों को पता चला है कि बिल्डर द्वारा पूरी टाउनशिप का सौदा एक बडी कम्पनी के साथ कर दिया गया। रविवार को दिल्ली, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद और पंजाब से भी निवेशक हरिद्वार पहुंचे थे। उन्होंने टाउनशिप बनाने वाली गुरुग्राम की हेक्टर रियल्टी कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भी सहयोग न करने आरोप लगाया है। बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व भी हरिद्वार के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर अपनी व्यथा को पुलिस प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया था। पीडित इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी मिले थे। दिल्ली से आये सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि कम्पनी के सीईओ ने उन्हें बताया था कि उनके कनाडा और सिंगापुर में भी कम्पनी के आफिस है। जहां कई एनआरआई ने भी निवेश किया है। बताया कि उनके द्वारा बनाए गये सैम्पल फ्लैट और विदेशो में कम्पनी के आफिस से हमें विश्वास हुआ जिसके बाद हमने भी निवेश किया। कुछ वर्षो तक हमें आश्वासन ही मिला लेकिन बाद में कुछ नही। बताया कि कई बार हरिद्वार आते है पुलिस के पास जाते है लेकिन कोई सहायता नही मिलती है। जिसके बाद न्यायालय की शरण ली गई। ममाले का संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला हरिद्वार जयश्री राणा द्वारा आरोपी के 2020 में जब से मामला न्यायाल्य में दायर किया गया के बाद कभी भी कम्पनी मालिक संदीप रहलान न्यायालय में उपस्थित न होने के चलते 2022 में गैर जमानती वारंट जारी किये गये थे। बावजूद इसके पुलिस भी उसे कभी न पकड पाई। अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि वह और अन्य पीडित जो आज हरिद्वार आये है सभी मिलकर बहादराबाद थाने में गये थे। जहां थाना प्रभारी ने उन्हें अपनी कम्पलेन मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल 1905 पर करने की सलाह दी है। बताया कि अब सभी लोग 1905 पर ही शिकायत करेगे। मौके पर खुशदेव सिंह, भारती गोयल, डीपी आर्या, सुभाष चन्द त्यागी, जितेन्द्र कुमार, नागेन्द्र सिंह सहित कई निवेशक उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष ऑक्टागन कम्पनी के नाम से निवेशको के साथ धोखाधडी का मामला संज्ञान में आया था। जिसमें सैकडो करोड की धोखाधडी निवेशको के साथ की गई थी। ये निवेशक भी सालो तक चक्कर काटते रहे। जिसके बाद बीते वर्ष वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमेंद्र डोभाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एसआईटी गठित की थी। जिसकी जांच अभी भी चल रही है आरोपी बिल्डर को जेल भेजा गया था।