हरिद्वार।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इस बार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए गए। जागरूकता अभियान के तहत स्वीप नोडल अधिकारी बनाया गया। जगह—जगह स्वीप कार्यक्रम आयोजित किए गए। गांवों व शहरी क्षेत्र में लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाकर गोष्ठियां, नुक्कड़ नाटक आयोजित हुए, लेकिन इस बार लोगों में न जाने क्यों उतना उत्साह दिखाई नहीं दिया जिसकी उम्मीद की जा रही थी। खासकर हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता कम से कम भाजपा के माथे पर लकीरें उकेर रही थी। अलबत्ता ग्रामीण क्षेत्रों व ज्वालापुर सहित जिले के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जिस तरह मतदान के प्रति रुझान देखा गया उससे कांग्रेसियों को पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक डकारते देखा गया। खास बात यह कि विगत 2019 के चुनाव में जहां हरिद्वार लोस सीट का मतदान 61.48 प्रतिशत रहा था तो इस बार लाख प्रयास के बाद भी यह प्रतिशत बढ़ने के बजाए खिसककर 59.01 प्रतिशत तक आ गया। जाहिर है कि मतदान के रुझान को देखकर किसी भी प्रत्याशी के भाग्य को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है।