-एसएसपी ने गैंगस्टर के निरुद्ध आरोपितों पर कसा शिकंजा
हरिद्वार।
बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम कमाने वाले पेपर लीक कराने वाले माफियाआओ पर एसएसपी अजय सिंह ने नकल करवा कर अर्जित की गई माफियाओ की संपति कुुर्क करने के लिए 75.60 लाख की संपति चिन्हित कर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय को रिपोर्ट भेजी है। कनखल थाने में दर्ज मुकदमे में पांच आरोपितों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। लोक सेवा आयोग का निलंबित अनुभाग अधिकारी की पत्नी समेत पांच आरोपितों पर संपति कुर्क की कार्रवाई की गई है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पटवारी व एई/जेई भर्ती परीक्षा का पेपर लीक के मास्टरमाइंड लोक सेवा आयोग के निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी समेत पांच आरोपियों पर शिकंजा कसा गया है। पांचों आरोपितों की 75.60 लाख की संपत्ति को चिन्हित कर लिया गया है। पेपर लीक का मास्टरमाइंड लोक सेवा आयोग का निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी उसकी पत्नी रितु दूसरा अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार, राजपाल, संजीव कुमार उर्फ संजीव दूबे, रामकुमार समेग कई आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई थी। जेल में बंद पांचों आरोपियों पर शकंजा कसा गया है। एसएसपी ने बताया कि कनखल थाने में गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवाई करते हुए नकल माफिया संजीव चतुर्वेदी पुत्र त्रिपुरारी व उसकी पत्नी रितु चतुर्वेदी निवासीगण मोहल्ला कदंभ चौराहा बडी मठिया के सामने थाना सदर जिला बलिया उत्तर प्रदेश (हाल निवासी भगीरथ आवासीय परिसर लोक सेवा आयोग कनखल) राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह व संजीव कुमार दुबे पुत्र मांगेराम निवासी ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नथौड थाना गागलहेडी सहारनपुर, रामकुमार पुत्र सुग्गन निवासी सेठपुर लक्सर की कुल 75 लाख 60 हजार की संपत्ति का मूल्यांकन किया गया है। चिन्हित सम्पत्ति में बरामद 41 लाख 50 हजार की नकदी व 34 लाख 12 हजार की कीमत के प्लाट शामिल हैं। संपत्ति को कुर्क करने के लिए गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवार्र करते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय को रिपोर्ट भेजी गई है।
जिलाधिकारी से अनुमति मिल जाने के बाद गलत तरीके से अर्जित की गई संपति को कुर्क कर लिया जाएगा। पेपर लीक की जांच कर रही एसआईटी ने पटवारी व एई/जेई में शामिल नकल माफियाओ व कोचिंग संचालकों की गठजोड़ का खुलासा करते हुए कोंचिग संचालकोंं की भी गिरफ्तारी कर चुकी है। सरकारी नौकरी भर्ती में नौकरी दिलाने के नाम पर अर्जित की गयी संपति को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।