पथरी।
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड में भाजपा का ही समर्थन करता आ रहा मैदानी विश्वकर्मा समाज अब भाजपा से नाराज दिखाई देने लगा है। अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासंघ हरिद्वार ग्रामीण के पूर्व महामंत्री रामकुमार धीमान ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा जो समाज अब तक कांग्रेस को 1 या 15 प्रतिशत वोट देता आया है। उस कांग्रेस ने समय—समय पर विश्वकर्मा समाज को सम्मान दिया है, कभी विश्वकर्मा घाट तो कभी विश्वकर्मा सेतु तो कभी सचिवालय में विश्वकर्मा भवन और अब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आती है तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा फेरूपुर में की गई घोषणा के अनुसार विश्वकर्मा शिल्पकार आयोग का गठन भी होगा। जिसमें धीमान समाज को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। जबकि हरिद्वार ग्रामीण में लगातार 1 वर्ष विधायक रहे और वर्तमान प्रत्याशी स्वामी यतिश्वरानंद ने 4 साल पहले शाहपुर में भोगपुर मार्ग पर विश्वकर्मा द्वार बनाने के लिए 15 सितंबर 2018 को उद्घाटन किया था भाजपा सरकार के यह विधायक आज तक वह द्वार भी नहीं बना सके। उन्होंने बताया हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विश्वकर्मा धीमान समाज के करीब तीन हजार मतदाता है। उधर भारतीय धीमान ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पुष्पराज धीमान ने फेरूपुर में पथरी प्रेस क्लब मेंं पत्रकारों से हुई वार्ता के दौरान कहा कि आने वाली सरकार में वह एक प्रदेश एक कानून की मांग उठाएंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड के 1 जिलों में विश्वकर्मा शिल्पकार समाज अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है जबकि मैदानी क्षेत्र में पिछड़ी जाति में शामिल किया हुआ है। जिसकी वजह से मैदानी विश्वकर्मा समाज विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड पा रहा है। नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार ने इस संबंध में प्रयास किए थे। तब जिले के संबंधित अधिकारियों ने इस मांग को उचित ठहराते हुए अपनी अपनी रिपोर्ट भी प्रेषित की थी। लेकिन यह मामला आज तक आर में लटका हुआ है। उन्होंने इस मौके पर कहा कुंभ के दौरान तमाम चौक चौराहे बनाए गए। लेकिन हरिद्वार में ना तो कोई विश्वकर्मा चौक का निर्माण किया गया और ना ही कहीं भगवान विश्वकर्मा या महर्षि अंगिरा का चित्रांकन तक नहीं किया गया। जो विश्वकर्मा समाज को नजर अंदाज करने का प्रत्यक्ष प्रमाण है। समर्थन दिए जाने के मामले में उन्होंने कहा जो भी पार्टी विश्वकर्मा समाज की मांगों को अपने मेनोफेस्टो में शामिल करेगी। इस बार विश्वकर्मा समाज उसी पार्टी को समर्थन करेगा।