हरिद्वार।
जय राम आश्रम परिसर में चल रही कथा के दूसरे दिन कथा व्यास रमाकान्त गोस्वामी ने कहा कि भगवान् का अवतार साधुजनों की रक्षा, विधर्मियों का विनाश और धर्म की स्थापना तो है ही पर साथ ही भगवान का अवतार भक्तों पर कृपा करना भी है। सभी को जीवन जीने रास्ता दिखाना, अच्छे-बुरे का बोध कराना, समस्त कर्तव्यों का बोध कराना तथा शान्तिपूर्ण जीवन जीने के साथ साथ परमगति की आेर चलने का प्रमुख साधन है। इस अवसर पर जयराम संस्थाआें के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि भारतीय जनमानस की यज्ञ—अनुष्ठान व तीर्थों तथा देवी—देवताआें पर गहरी आस्था है, यह देश भक्ति प्रधान देश है, इसी भक्ति के पथ पर श्रद्धालुजन मोक्ष की कामना करते हैं। भगवान की कथा हमें न केवल सन्मार्ग की आेर चलने की सन्देश देती है बल्कि अति सुलभता से मोक्ष भी प्रदान करती है, इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि दूसररतिमम कथा प्रसंगा। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान सेठ बनवारी लाल कुपेपाड परिवार, सिवानी, आदि सहित हजारों भक्त श्रोताआें की उपस्थिति रही।