हरिद्वार।
दिन पर दिन बढ़ती महंगाई और ओर अब रूट प्लान की मार से ई रिक्शा चालक ही नही अब सवारियों की जेब पर भी भारी पड़ेगा।
धर्म नगरी में जाम के झाम से निजात पाने को जो रूट प्लान लागू किया गया है। वह अब आम जनता के लिए जी का जंजाल बनता नजर आ रहा है। पहले जहां कनखल दादू बाग पुलिया से लाल मंदिर आर्य नगर जाने के लिए एक सवारी को मात्र 20 से ₹30 खर्च करने पड़ते थे। वही अब यह किराया बढ़कर दो से ढाई गुना हो गया है। दो महिलाओं और तीन बच्चे कनखल से लाल मंदिर तक आने जाने में ई-रिक्शा का किराया लगभग 250 से भी अधिक रुपये खर्च हुआ। जानकारी के अनुसार पांच सवारी दो महिलाएं तीन बच्चे कनखल दादुबाग पुलिया से सिंहद्वार तक 10/- सवारी, सिंहद्वार से लालमन्दिर 20/- सवारी, लालमन्दिर से शंकराश्रम होते हुए सिंहद्वार 20/- सवारी, सिंहद्वार से वापस दादूबाग़ पुलिया 10/- सवारी का लिया गया।
इस का कारण ई रिक्शा चालक प्रशासन के रूट प्लान को बताते है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा ई रिक्शा चालकों के साथ अन्याय किया गया है। ई रिक्शा की सवारी ले जाने की क्षमता ऑटो से कम है ऑटो में एक बार मे चालक 10 सवारी तक ले जा सकते है जबकि ई रिक्शा में 4से 5 सवारियों को ही बैठाया जा सकता है। अधिकतर ई रिक्शा चालक लोन पर ई रिक्शा लेकर या किराए की ई रिक्शा चलाते ऑटो का रूट अभी भी व्यापक है। जबकि ई रिक्शा का प्रशासन ने रुट प्लान बनाकर गरीब मार कर दी है।
कहा कि हालात यह है कि सवारी भी रुट प्लान में घिरी ई रिक्शा से कन्नी काट रही है, ऑटो उन्हें उनके गन्तव्य तक पहुचा रहा है जबकि ई रिक्शा बीच मे बदलनी पड़ रही है। कोई भी सवारी बीच मे वाहन बदलने की जहमत नही उठाना चाहती है।