हरिद्वार।
रविवार 7 सितम्बर को लगने वाला इस साल का आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत सहित विश्व के कई देशों में दिखाई देगा। ज्योतिष और खगोल विज्ञान दोनों दृष्टिकोण से ग्रहण को खास माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण का आरंभ रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्य काल रात 11 बजकर 41 मिनट पर और समाप्ति रात 1 बजकर 27 मिनट पर होगी। इस तरह यह ग्रहण कुल मिलाकर करीब 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा। चूंकि चंद्र गहण भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा। सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लग जाता है। सूतक के दौरान किसी भी तरह के धाॢमक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। रविवार को लगने वाले चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 12:11 से शुरू हो जाएगा और 8 सितम्बर की रात 1:26 मिनट पर समाप्त होगा।
ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान बच्चों / वृद्धों और गर्भवती महिलाओ के लिये सूतक का खास ध्यान रखना होता है। ग्रहण के दौरान पूजा पाठ और दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना जाता है। दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में होता है, तो उसका रंग हल्का लाल या नारंगी हो जाता है। जिसको ब्लडी मून भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार 7 सितम्बर को रात 11 बजे से ब्लड मून दिखने लगेगा।
















































