स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर भारतीय शिक्षा की क्रांति का बडा केन्द्र बनेगा: स्वामी रामदेव
-मैकाले शिक्षा पद्धिति के विकल्प के रूप में भारतीय शिक्षा बोर्ड होगा
-महाविद्यालय परिसर में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा
-स्वामी दयानन्द के सपनो को पूर्ण करते महाविालय में स्वामी दयानन्द सदन बनाया जाएगा
हरिद्वार।
पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस, पतंजलि योगपीठ महॢष दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती एवं गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानन्द जी की जयन्ती के अवसर पर पतंजलि योपगीठ परिवार विश्व के श्रेष्ठतम तथा विशालतम गुरुकुल ‘पतंजलि गुरुकुलम’ का शिलान्यास करने जा रहा है। इसकी सूचना आज प्रेसवार्ता के दौरान स्वामी रामदेव महाराज ने दी। उन्होंने कहा कि स्वामी दर्शनानन्द द्वारा 118 वर्ष पूर्व 3 बीघा भूमि, 3 ब्रह्मचारी तथा 3 चवन्नी से प्रारंभ गुरुकुल का नाम हमने स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर रखा है जो शिक्षा की क्रांति का बडा केन्द्र होगा।स्वामी महाराज ने कहा कि गुरुकुल ज्वालापुर की भूमि से एक नया इतिहास, नया कीर्तिमान रचा जाएगा। इस गुरुकुल का शिलान्यास देश के रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह करेंगे। इस भव्य कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी, एमिटी ग्रुप के चेयरमैन डा. अशोक चौहान सहित आर्य समाज के लगभग सभी विद्वान, विभिन्न गणमान्य, भजनोपदेशक और संन्यासी महापुरुष, हरिद्वार के सभी पूज्य आचार्य महामण्डलेश्वर और संत महात्मा उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि यहां से तीन बडी प्रकल्प संचालित होंगे जिसमें पहला लगभग 250 करोड की लागत से तैयार होने वाला 7 मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम् होगा। इस गुरुकुल में लगभग 1500 विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग 250 करोड की लागत से आचार्यकुलम् की शाखा स्थापित की जाएगी जिसमें लगभग 500 बच्चे बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे। साथ ही यहां महर्षि दयानन्द अतिथि भवन बनाने की भी योजना है। स्वामी रामदेव ने कहा कि यहां बच्चों को शिक्षा के साथ—साथ वो संस्कार दिए जाएंगे जिससे वे अपनी संस्कृति व अपनी जड से जुड सकें। पूरे देश में सनातन के गौरव का कालखण्ड चल रहा है। एक ओर सनातन का बोध, भारत का बोध और दूसरी तरफ आधुनिक विषयों का बोध, यानि देश की सर्वश्रेष्ट आध्यात्मिक शिक्षा, सनातन की शिक्षा, भारत बोध, चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का, गौरव व स्वाभिमान का भाव बच्चों के भीतर जागृत किया जाएगा। स्वामी जी ने कहा कि यहां श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा और श्रेष्ठतम प्राच्य विद्या दोनों का संगम होगा। हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत से लेकर कम से कम विश्व की 5 भाषाओ का बोध पतंजलि गुरुकुलम् व आचार्यकुलम् के बच्चों को होगा। उन्होंने कहा कि चौहान समाज के लोगों ने गुरुकुल की सुरक्षा करने में बडी भूमिका अदा की है, अत: यहां सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भव्य प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। स्वामी जी ने बताया कि यहाँ 1 से 2 वर्ष के भीतर एक कम्यूनिटी सेन्टर बनाया जाएगा जिसका लाभ हरिद्वार के लोगों को मिलेगा। कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज, पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री डा. यशदेव शास्त्री, पतंजलि फूड्स लि. के एमडी रामभरत, पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी देवप्रिया, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा बहन ऋतम्भरा, क्रय समिति की अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी ङ्क्षसह, पतंजलि योग समिति के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’ व स्वामी परमार्थदेव, पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टीसी मल्होत्रा, उपाध्यक्ष—प्रोजेक्ट एण्ड इंफ्रास्ट्रक्र्चर शिवा प्रसाद गौरू, अनिल चौहान, छत्रपाल चौहान आदि उपस्थित रहे।