मैदानी लोगो के हितों एवं विकास के लिए मूल निवास 1950 और सख्त भू कानून का विरोध करें: राजपूत
हरिद्वार।
शिवालिक नगर स्थित कै म्प कार्यालय पर उत्तराखंड मैदानी महासभा एक बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता महामंत्री संगठन राकेश राजपूत एडवोकेट ने की।
बैठक में महामंत्री संगठन ने कहा की संगठन को मजबूत करने आेर मूल निवास 19५0 और सख्त भू कानून के विरोध में मैदान जागृति महारैली के लिए आज रणनीति बनाई गई। साथ ही तराई की 37 विधानसभाआें में हर वर्ग तक अपनी आवाज पहुंचने के लिए 7 टीमों के रूप में प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया। जिसमें व्यापार प्रतिनिधि मंडल, महिला प्रतिनिधि मंडल, पूर्व सैनिक प्रतिनिधि मंडल, युवा प्रतिनिधि मंडल, पूर्व कर्मचारी प्रतिनिधि मंडल, सामाजिक संगठन एवम बुद्धिजीवी प्रतिनिधि मंडल, किसान प्रतिनिधि मंडल यह सभी प्रतिनिधि मंडल मैदान की 37 विधान सभाआें के लोगों के हितों के साथ जो सौतेला व्यवहार हो रहा है उनके हक हकूक के साथ खिलवाड$ किया जा रहा है। उसके प्रति लोगों को जागरूक करेंगे साथ ही अपने संगठन को बढ$ाने और मजबूत करने का काम करेंगे। लोगो से आह्वान किया कि जिस प्रकार मैदान आेर मैदान के लोगो का पिछले 23 वर्षों से दोहन किया जा रहा है उनके मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड$ किया जा रहा है उसके खिलाफ एक जुट होकर मूल निवास 1950 एवं सख्त भू कानून का पूर्णता विरोध करें। कुछ राजनैतिक लोग गत वर्षो से मैदान में आकर चुनाव लड$ते हैं और चुनाव के समय मैदान के लोगों को तरह-तरह के विकास के नाम पर झूठे सपने दिखाकर उन्हें गुमराह करने का काम करते चले आ रहे हैं। चुनाव जीत जाने के बाद मैदान के लोगों की अनदेखी करते चले आ रहे हैं। मैदान की 37 विधानसभाआें के सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि मैदान के हितों एवं विकास के लिए मूल निवास 19५0 और सख्$त भू कानून का विरोध करें। जिससे कि मैदान के लोगों के हितों की रक्षा हो सके। प्रदेश उपाध्यक्ष एमडी शर्मा ने कहा कि तराई क्षेत्र के हितों के लिए वह कानून और मूल निवास 1950 मैदान के लोगों के हितों पर कुठाराघात है। अगर यह कानून अस्तित्व में आता है तो मैदानी क्षेत्र के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा। इसलिए हम उत्तराखंड सरकार से मांग करते है कि कानून बनाने से पहले मैदान के लोगों के हितों को ध्यान में रखा जाए। अगर मैदान के हितों की अनदेखी की गई तो मैदानी महासभा बड$ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। प्रदेश सचिव सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सबसे सुंदर है इसकी सुंदरता बढ$ाएं और इस राज्य के विकास के नए—नए प्रयास करें कोई अनावश्यक भू कानून आेर मूलनिवास 1950 बिल लाने की कोशिश न करें। अगर सरकार यह बिल लाती है तो इसका पूर्ण रूप से विरोध किया जाएगा। उत्तराखंड एक था एक है एक रहेगा इसे बांटने की कोशिश बिल्कुल भी ना करें। बैठक में राजीव देशवाल, सीपी ङ्क्षसह,अशोक उपाध्याय, सचिन गुज्जर, पंकज भाटी, मंगला प्रसाद मिश्र, अशोक चौहान, जगपाल ङ्क्षसह, सतीश कुमार, सूरज चौहान, बीना किशोर, विजय ङ्क्षसह,रवि, किरण, विमला देवी, ललिता, विमल कुमार, रक्षित, नीरज, इक्षित आदि उपस्थित रहे।