हरिद्वार।
आगामी चारधाम यात्रा को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने विभिन्न विभागों के स्तर पर तैयारियों को पुख्ता करने और यात्रा के सुगम संचालन को लेकर कवायद तेज कर दी है। चारधाम यात्रा को लेकर 3 अप्रैल को एनडीएमए की आेर से प्रस्तावित टेबल टाप एक्सरसाइज और 2 मई को प्रस्तावित मॉक एक्सरसाइज को लेकर मंगलवार को अरियंटेशन तथा को—आर्डिनेशन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। आनलाइन कांफ्रेंस में यात्रा मार्ग स्थित जिलों के जिलाधिकारी और आर्मी, आईटीबीपी के साथ ही 28 विभागों के 20 से अधिक अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। कांफ्रेंस में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर जरूरी दिशा—निर्देश दिए। साथ ही 3 अप्रैल 2२४ को आयोजित होने वाली टेबल टाप एक्सरसाइज और 2 मई को प्रस्तावित मॉक एक्सरसाइज के उद्देश्यों के बारे में बताया। मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन में आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, भारतीय सेना, आईटीबीपी, पुलिस, केंद्रीय सश पुलिस बल, लोक निर्माण विभाग, जीएमवीएन, वन, पर्यटन, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, देवस्थानम् बोर्ड आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है और किसी आपात स्थिति में सभी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य हो, इसी उद्देश्य से टेबल टाप एक्सरसाइज और मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह एक्सरसाइज यात्रा मार्ग के सभी जिलों में होगी और खराब मौसम, बाढ$ तथा भूस्खलन, भूकंप, अग्निकांड, हिमस्खलन, बर्फबारी, भारी वर्षा, हेलीकाप्टर तथा रोड एक्सीडेंट, भगदड$ आदि आपदाआें के दौरान विभिन्न विभाग किस तरह से राहत और बचाव के कार्य करेंगे, इसकी तैयारी को मॉक एक्सरसाइज कर परखा जाएगा और यदि कहीं कोई तकनीकी या अन्य दिक्कत आएगी तो उसका तुरंत समाधान किया जाएगा ताकि यात्रा के दौरान कहीं किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे।
उन्होंने कहा कि इस एक्सरसाइज से यह जानना और समझना आसान हो जाएगा कि विभिन्न स्तरों पर सर्च एंड रेस्क्यू का प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाआें की स्थिति, आर्मी तथा पुलिस बल की तैनाती, मौसम की निगरानी तथा चेतावनी, रिलीफ कैम्पों की स्थिति, राहत और बचाव कार्य, भीड$ तथा ट्रैफिक प्रबंधन, संचार साधनों की वास्तविक स्थिति तथा विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय कैसा है।
उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा। इस दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, मुख्य कोषाधिकारी रोमिल चौधरी, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, एसडीएम अजय वीर सिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर मनीष कुमार सिंह, सिंचाई विभाग की अधिशासी अभियंता सुश्री मंजू डैनी, पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता सुरेश तोमर, ज्वांईट मजिस्ट्रेट देवेश शाशनी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. योगेश कुमार, डीएसआे तेजबल सिंह, सीएमआे डा. मनीष दत्त, एआरएम परिवहन सुरेश कुमार चौहान, एआरटीआे रश्मि पंत, सीआे नताशा, सीएफआे अनिल त्यागी, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, बाल विकास अधिकारी डा. सुलेखा सहगल, जिला पयर्टन अधिकारी सुरेश कुमार यादव तथा जनपद के सभी अधिकारी एवं पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।