हरिद्वार।
उधार ली गई रकम वापिस नहीं लौटाने पर प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट शिखा भंडारी ने आरोपी को दोषी पाते हुए उसे तीन महीने के कारावास व तीन लाख 95 हजार रुपये अदा करने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने तीन लाख 90 हजार रुपये बतौर प्रतिकर धन राशि शिकायतकर्ता को अदा करने व पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
कनखल के विद्या विहार निवासी शिकायतकर्ता अधिवक्ता लोकेश दक्ष ने बताया कि मनोज कुमार से उसकी अच्छी दोस्ती व जान पहचान चली आती थी। जिस पर मनोज कुमार ने उससे एक प्लॉट खरीदने के लिए तीन लाख रुपये एक महीने के लिए उधार मांगे थे। मनोज के साथ पहले से भी लेनदेन चला आता था। शिकायतकर्ता ने उसे एक महीने के लिए तीन लाख रुपये दे दिए थे। तय अवधि के बाद शिकायतकर्ता ने मनोज कुमार से अपने दिए गए रुपए वापिस मांगे। तो मनोज कुमार ने उसे अपने बैंक खाते का एक चेक हस्ताक्षर कर दिया था। चेक बैंक में प्रस्तुत करने पर खाते में पैसे नहीं होने पर बाउंस हो गया था। शिकायतकर्ता ने मनोज कुमार पुत्र विक्रम सिंह निवासी ग्राम अम्बुवाला पथरी को एक लीगल नोटिस भेजा था। तब भी धनराशि मनोज ने वापस नहीं की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया है।