पुलिस को चुनौती दे रहा धर्मनगरी में अवैध शराब का कारोबार शराब की होम डिलीवरी के साथ स्मैक, चरस और जिस्मफिरोशी का धंधा जोरों पर
प्रतिबंधित धर्मनगरी में बस एक कॉल पर हो जाती है शराब, स्मेक, ओर जिस्म फरोशी की होम डिलीवरी
हरिद्वार।
धर्मनगरी में अवैध शराब का कारोबार लगातार पुलिस को चुनौती दे रहा है। शराब माफियाओ में पुलिस का डर समाप्त होता जा रहा है। शराब माफिया बैखोफ होकर एक फोन पर ही शराब अपने ग्राहक पर पहुंचा रहे हैं। बताया जाता है कि शराब की होम डिलीवरी के साथ—साथ यह माफिया स्मैक, नशीले इंजेक्शन और जिस्म फिरोशी का कार्य भी आसानी से कर रहे हैं। पुलिस भले ही नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान और माफियाओ के खिलाफ कार्यवाही कर रही है, लेकिन पुलिस के हाथ बडी मछलियों से काफी दूर हैं। सूत्रों के मुताबिक धर्मनगरी के मुख्य स्थान ललतारो पुल, रोडीबेलवाला, खडखडी, टिबडी, भगत सिंह चौक, कनखल बैरागी कैम्प बजरी वाला, जगजीतपुर पीठ बाजार, खन्ना नगर पर अवैध शराब की बिक्री जोरों—शोरों से होती है। यहीं नहीं किसी को यदि घर बैठे-बैठे शराब चाहिए तो वह एक फोन पर ही शराब की डिलीवरी करा देते हैं। उत्तराखंड में धर्मनगरी हरिद्वार आस्था की नगरी है। यहां पूरे देश—विदेश से लोग पर्यटक और श्रद्धालु बडी आस्था के साथ आते हैं, लेकिन शराब माफिया धर्मनगरी से लोगों की आस्था का मजाक उडा रहे हैं। पुलिस भले ही समय—समय पर छोटे माफियाओ पर कार्यवाही कर अपने कार्यों की इतिश्री कर लेती है, लेकिन बडे माफियाओ तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक श्यामपुर कांगडी, ज्वालापुर और जगजीतपुर स्थित शराब की दुकान से सुबह से ही स्कूटी में अवैध शराब की तस्करी शुरू हो जाती है।
शहर के कोने—कोने में हो रही अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ समाजसेवियों ने कई बार शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने का दावा करने वाला आबकारी विभाग भी चैन की नींद सोया हुआ है। पंचायत चुनाव के दौरान पथरी में हुए शराबकांड के दौरान एक साथ हुई कई मौतों के बाद आबकारी विभाग की ओर से कार्यवाही करते हुए तत्काल कई अधिकारियों को संस्पेंड कर दिया गया था। जिसके बाद सभी नए अधिकारियों को हरिद्वार में तैनात किया। नई तैनाती के बाद आबकारी विभाग ने शहर से लेकर देहात तक कार्यवाही कर शहर से लेकर देहात तक अवैध शराब माफियाओ की कमर तोडकर रख दी थी, लेकिन मामला ठंडा होने के साथ—साथ आबकारी विभाग के नई टीम भी ठंडी पड गई।
वही शराब के ठेकों से शराब ढोने का कार्य बदस्तूर जारी है।