पुष्पराज धीमान
पथरी।
पुलिस और प्रशासन के कांवड मेले में व्यस्त हो जाने से खनन माफिया अवैध खनन करने में जोरो से जुट गए हैं। जेसीबी और डंपर रात्रि में छोडो दिन में ही गरजती देखी जा रही है। मामूली बारिश हो जाने से कुछ गड्ढे भर गए हैं तो लोगों ने किसानों के खेत को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। खनन माफिया ऐसे मौके को हर साल भुनाते आए हैं। बाणगंगा में अवैध खनन कभी कम कभी ज्यादा तो होता रहा है। भले ही कागजों में इस क्षेत्र में खनन बंद कर दिया गया हो, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इस क्षेत्र में अवैध खनन कभी पूर्णतया बंद हुआ ही नहीं। अक्सर प्रशासनिक अधिकारियों ने जब भी स्टोन क्रेशरों पर छापा मारा तो उन्हें निर्धारित मानकों स्टाक से अधिक ही खनिज सामग्री प्राप्त हुई। जिन्हें अधिक भंडारण करने के आरोप में कभी सीज करने तो कभी जुर्माने की कार्यवाही भी की गई। वही अवैध खनन होने की पुष्टि इस बात से भी हो जाती है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जब भी क्षेत्र का दौरा किया तो उन्हें दो चार वाहन अवैध खनन से भरे मिले। जिन्हें वही के वहीं सीज किया गया और जुर्माना वसूला गया। स्टोन क्रेशरों के घूमते हुए पट्टे इस बात के गवाह हैं कि आखिर उनमें अवैध खनन से ही बजरी बनाई जा रही है। हालांकि प्रशासन अवैध खनन न होने और रोके जाने के तमाम दावे करता है। उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा भी कहते हैं की अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन क्षेत्र के लोग खनन होते देखते ही रहते हैं। ऐसा नहीं है कि इनकी जानकारी पुलिस या राजस्व विभाग को नहीं है, लेकिन क्षेत्र में आजकल यही चर्चा है कि आजकल खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं बल्कि कार्रवाई में लापरवाही हो रही है। बलबीर, दीपक चौहान, मासूम अली, अनूप कुमार आदि का आरोप है कि बिशनपुर – कटार पुर – रानी माजरा – टांडा भोगपुर – तिलक पुरी – राय घटी तक जेसीबी और डंपर से अवैध खनन हो रहा है। यह सभी खनन सामग्री आखिर स्टोन क्रेशर वाले ही तो खरीद रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि राजस्व प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है। अक्सर पुलिस प्रशासन पर खनन माफियाओं से मिलीभगत होने के आरोप लगते रहे हैं। इसी के चलते उच्च अधिकारियों के सामने सच्चाई सामने आने पर फेरूपुर पुलिस चौकी और भिक्कमपुर पुलिस चौकी का अधिकतर स्टाफ सस्पेंड हो चुका है। कुछ खनन माफिया कहते हैं कि क्षेत्र का रोजगार खनन से जुड़ा हुआ है। वैध खनन चालू ना होने की वजह से क्षेत्र के कुछ लोग अवैध खनन कर अपनी रोटी का इंतजाम कर रहे हैं। उनके अवैध खनन करके होने वाली आमदनी से कितनों की आमदनी होती है।