उत्तराखंड

13 टीम ओर 17 दिन का मिशन 41 मजदूरों का जीवन कैसे बचाया गया

देहरादून।

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कियारा बड़कोट सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 मजदूर मंगलवार देर रात को बाहर निकाल लिए गए मजदूरों के निकलते ही जय कार्य लगे और आतिशबाजी की गई कई दिनों से इलाके में डेरा डालें उनके रिश्तेदारों ने खुशी के आंसुओं के साथ उनका स्वागत किया उनमें से कई मजदूरों के परिवार अब दोबारा दिवाली मनाने की योजना बना रहे हैं यह एक चुनौती पूर्ण बचाव अभियान था

जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की कुल तेरा एजेंसी शामिल थी इसमें तेल और प्राकृतिक गैस निगम बिजली कंपनियां एसजेवीएनएल टीएचडीसी रेल विकास निगम और सुरंग परियोजना को लागू करने वाली इकाई राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड शामिल रहे साथ ही कई विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें लगे हुए थे बचाओ अभियान का अंतिम चरण द्वारा सफलतापूर्वक किया गया जिन्होंने 12 से 15 मी मलबे में सेंध लगाई और फंसे हुए श्रमिकों को के लिए एक निकासी पाइप बिछाया। जैसे ही एंबुलेंस द्वारा मजदूरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया बाहर खड़े लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। मोदी है तो मुमकिन है सीएम धामी का भी आभार व्यक्त किया।

खुशी मनाने के तौर पर लोगों ने पटाखे छोड़े और मिठाइयां भी बांटी। एंबुलेंस में बैठे हुए कुछ श्रमिकों के चेहरों पर मुस्कान थी। जबकि अन्य के चेहरे पर थकान दिखाई  दी। उन्होंने मीडिया की ओर भी हाथ हिलाकर आभार व्यक्त किया। 17 दिन चले इस जबरदस्त ऑपरेशन को पूरे देश ने देखा और कैसे कई बाधाओ का सामना किया गया और उन पर कैसे काबू पाया गया कैसे एक स्थानीय व्यक्ति से लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार और देश का प्रतीक नागरिक 41 मजदूरों के लिए प्रार्थना कर रहा था यह किसी से भी छुपा नहीं है। यह खुशी भारतीय क्रिकेट टीम की जीत की खुशी से भी अधिक नजर आ रही थी।

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