कोर्ट के आदेश पर तीन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
हरिद्वार।
जमीन की मोटी रकम मिलने का दिलासा दिलवाने का झांसा देकर फर्जी तरीके से जमीन का रजिस्ट्रर्ड इकरारनामा करवा लिया। जमीन बेचने पर एक रुपए की रकम न मिलने पर पीडि़त ने जमीन की रजिस्टरी करने से इनकार किया तो धमकी देकर रजिस्टरी करने के लिए दबाव बनाया। फर्जी कागजों में पूरी रकम देने की बात लिखवा ली गर्ई। पीडि़त ने कोर्ट में न्याय की गुहार लगायी। कोर्ट ने सुनवाई कर पुलिस को धोखाधड़ी करने वाले तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
कोतवाली ज्वालापुर प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी कर लाखों की जमीन का इकरारनामा करने वाले तीन लोगों के विरुद्ध कोर्ट के आदेश पर पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है। पीडि़त मनोज पुत्र स्व श्री राम प्रसाद निवासी ग्राम दूधला दयालवाला उर्फ टाटवाला श्यामपुर ने तहरीर दी कि गांव के संतराम पुत्र शीशराम व मेहर घिल्डियाल निवासी मोहकमपुर खुर्द जिला देहरादून पिछले काफी समय से मुझे व भाईयों पर अपनी जमीन औने—पौने दाम में बिकवाने का दबाव बना रहे थे। कम कीमत के कारण हमने जमीन बेंचने से इन्कार कर दिया था । 3 अप्रैल 2२३ को सुबह-सुबह संतराम व मेहर घिल्डियाल विकास शाह नाम के व्यक्ति को लेकर हमारे घर आये तथा हमे लालच दिया कि विकास शाह तुम्हारी जमीन को अच्छी कीमत में खरीद रहा है। चार बीघा जमीन का सौदा 4२ लाख रुपये में तय कराया। दस लाख रुपये बयाना देना तय हुआ था। संतराम अपनी कार में बैठाकर इकरारनामा कराने के लिये तहसील हरिद्वार लाया। मेहर घिल्डियाल व विकास शाह ने इकरारनामा तैयार कराकर रख रखा था। संतराम के विश्वास व कहने पर मैंने व भाईयों ने हस्ताक्षर कर दिये थे। गवाह के रुप में फुफेरे भाई रामकुमार व संतराम ने हस्ताक्षर किये। इकरारनामे को नोटेरी से भी तस्दीक करा लिया। 5—5 हजार रुपये के चार चेक दिये तथा आठ लाख रूपये गांव में चलकर देने को संतराम व मेहर घिल्डियाल ने बोला। संतराम व मेहर घिल्डियाल की बातों पर विश्वास कर लिया। गांव में लाने पर संतराम व मेहर घिल्डियाल ने दो लाख रुपए का का विकास शाह का हस्ताक्षर किया दिया। शेष रूपये बैनामे के समय पर देने की बात की थी । इकरारनामा नोटेरी कराने के कुछ देर बाद ही संतराम व मेहर घिल्डियाल ने विकास शाह सौदे से मुकर न जाये इसलिये इकरारनामे को पक्का कराने के लिये रजिस्ट्री करा देते हैं। इकरारनामा लेकर सब रजिस्टार कार्यालय गये और इकरारनामे का पंजीकरण करा दिया । दो लाख का चेक बाउंस होने पर विश्वास दिलाया कि बैनामे के समय एक-एक पैसा दिला दूंगा । 4 अप्रैल 2२३ को इकरारनामे के अनुसार सब रजिस्ट्रार कार्यालय हरिद्वार पहुचे। वहां पर विकास शाह व मेहर घिल्डियाल पहले से मौजूद थे । चालीस लाख रुपए देकर बैनाम कर लेने की बात कही तो इन लोगों ने हमें धमकाया कि हम सारे पैसे पहले दे चुके हैं। संतराम को हमने फोन किया तो संतराम ने बैनामा करने का दबाव बनाया। मेहर घिल्डियाल ने रजिस्टर्ड इकरारनामे की फोटो कापी दी, जिसे देखकर प्रार्थी को अपने व अपने भाईयों के साथ धोखा होने का पता चला । संतराम, मेहर घिल्डियाल व विकास शाह ने हमारे सीधेपन का फायदा उठाकर प्रार्थी व प्रार्थी के भाईयों के साथ धोखाधडी व जालसाजी करके धोखे से इकरारनामे के नाम कागजो में हेराफेरी कर इकरारनामा के रजिस्ट्रेशन के समय कागज बदल दिये । तहरीर के आधार पर संतराम पुत्र शीशराम निवासी ग्राम दूधला दयालवाला उर्फ टाटवाला व मेहर घिल्डियाल व विकास शाह निवासीगण मोहकमपुर खुर्द देहरादून के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।