-सूचना के अधिकार ने किया राशन डीलर द्वारा किए गए गोलमाल का खुलासा
-एक बार पहले भी हो चुका है इस डीलर का लाइसेंस निलंबित
हरिद्वार/ पीआर धीमान।
सूचना के अधिकार ने कितनों के चेहरे से ईमानदारी के नकाब हटा दिए हैं ऐसे ही एक मामला नसीरपुर कला गांव का सामने आया है। जहां गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा गांव के राशन डीलर से राशन संबंधी मांगी गई सूचनाआें से जो खुलासा हुआ है, उससे इतना तो साफ हो गया कि घोटाला करने वालों के लिए आनलाइन सिस्टम भी कोई मायने नहीं रखता।आनलाइन सिस्टम होने के बावजूद बरसों पहले परलोक सुधार चुके व्यक्तियों का ही नहीं बल्कि अनपढ$ महिला को अच्छा खासा अंग्रेज बना दिया। नसीरपुर कला निवासी जावेद पुत्र इकरार ने जब सारे साक्ष जिला खाद्य आपूॢत अधिकारी के सामने रखें तो वह दंग रह गए। उन्होंने मामले की जांच क्षेत्रीय खाद्य पूॢत अधिकारी ममता तिवारी को सौंप दी है। इस संबंध में जब ममता तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे पास अभी जांच दो—चार दिन पहले ही आई है और उनकी ड्यूटी चुनाव के संबंध में लगी हुई है। इससे पहले भी कुछ जांच बाकी है और दूसरी तरफ जिस राशन डीलर पर आरोप लगाए गए हैं वह राशन डीलर हज करने के लिए गया हुआ है। जनपद हरिद्वार के ब्लाक बहादराबाद क्षेत्र अंतर्गत गांव नसीरपुर कला का राशन डीलर बरसों पहले स्वर्ग सिधार चुके लोगों को भी राशन बांट रहा है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों को पढ$कर इस बात का खुलासा हुआ है। इतना ही नहीं दस्तावेजों से यह भी पता चला है की जो महिला कभी स्कूल भी नहीं गई उसे महिला के राशन डीलर के स्टाक रजिस्टर में राशन लेने के प्राप्ति के कलम में इंग्लिश में हस्ताक्षर किए गए हैं। जिलाधिकारी एवं खाद्य आपूॢत विभाग से शिकायत करने वाले जावेद अली पुत्र इकरार अली ने बताया की दैनिक बिक्री रजिस्टर दिनांक 12 जुलाई 2023 में पेज नंबर 9 के क्रमांक 71 पर एपीएल राशन कार्ड संख्या 055 0 2163 68 1 पर प्रार्थी की माता रहीसा पत्नी इकरार को साक्षर दर्शाकर उसमें अंग्रेजी भाषा में हस्ताक्षर दर्शाकर सरकारी राशन को गवन किया है। जबकि उसे प्रार्थी की माता एक अनपढ$ महिला ही नहीं बल्कि कभी राशन लेने गई ही नहीं। इसी प्रकार पेज नंबर 6 पर नईमां के पति इस्तेखार को भी जीवित दर्शाकर राशन प्राप्त करना दर्शाया गया है। जबकि उसकी 2 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। इसी प्रकार कार्ड धारक सहिदा के मृतक पति कालू को भी जीवित दर्शाकर उसके द्वारा राशन प्राप्त दिखाकर फर्जी तरीके से राशन गवन किया है। जबकि कालू की भी मृत्यु कारी 2 वर्ष पहले हो चुकी है।गौर करने वाली बात यह है राशन डीलर के बिक्री रजिस्टर में 1— 9—2023 प्रश्न नौ क्रमांक 6१ राशन कार्ड संख्या 568 34 8655 पर राशन कार्ड धारक का राशन प्रार्थी के द्वारा ही लेना दर्शाया गया है। जबकि उक्त दिनांक को प्रार्थी जावेद रोशनाबाद जिला कारागार में था। इसी प्रकार प्रार्थी के चाचा इसरार को भी जीवित दर्शाते हुए उसके स्थान पर रतन नमक व्यक्ति को राशन देना दर्शाया गया है। जबकि प्रार्थी के चाचा इसरार की मृत्यु 2016 हो चुकी है फिर भी उसके स्थान पर मृतक के चाचा इसरार का फर्जी अंगूठा दर्शाकर राशन लेना दर्शाया है। दिलशाद पुत्र रहमत रहीसा पत्नी इदरीश जिनकी मृत्यु बहुत पहले हो चुकी है का राशन ले जाना दर्शाया गया है। उधर जावेद ने राशन डीलर हमीद हसन पर धमकी दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा जब इस संबंध में राशन गबन करने के संबंध में डीलर से बात की तो उसने उसके साथ गाली गलौज और जान से मारने की धमकी भी दी थी। जावेद ने प्रशासन से उसकी डीलरशिप निरस्त कर फर्जी तरीके से किए गए सरकारी राशन कोटा करने वाले राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है एक बार पहले भी हो चुका है बताया जाता है कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर एक बार पहले भी इस राशन डीलर का लाइसेंस निलंबित हो चुका है काफी दिनों तक नसीरपुर कला का राशन धारी वाला तो कभी नसीरपुर खुर्द के राशन डीलर अतर ङ्क्षसह ने वितरित किया था। इस संबंध में जब राशन डीलर हामिद हसन से बात करनी चाही तो बाहर होने की वजह से फोन नहीं उठा पाए।
आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा अपने क्षेत्र के राशन डीलर का यह एक खुलासा किया गया है इसी तर्ज पर यदि जनपद के सभी राशन डीलरों की भी जांच की जाए तो इससे भी बड़े-बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं उल्लेखनीय है कि राशन डीलर प्रत्येक महीने अपने अपने गले का पूरा कोटा उठाते हैं जबकि राशन बांटने के नाम पर कुल ग्राहकों से आगे ग्राहकों को भी राशन प्राप्त नहीं हो पता या कुछ लोग ले नहीं पाते क्योंकि राशन डीलर की दुकान भी अधिकतर बंद ही पाई जाती है। बीते वर्ष जब आधार से राशन कार्ड को लिंक किया गया तो बहुत सारे लोगों के अंगूठे आज तक भी स्कैन नहीं हो पाए जिसके चलते उनके कोटे का राशन राशन डीलर की दुकान पर तो आता है परंतु वह लोग उसे राशन से आज तक वांछित चल रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण झा का भी कहना है कि उनके पास करीब 12 13 साल से राशन कार्ड है ही नहीं कई बार आवेदन करने पर भी उनका कार्ड नहीं बना लेकिन पूर्व के डीलर के यहां उनके नाम का कोटा भी आता है जो विश्वास सूत्रों से ज्ञात हुआ है।