मेले के अंतिम चरण में व्यवस्था हुई धड़ाम, चारो ओर जाम कांवड़िये के साथ जाम में फंसे स्थानीय
हरिद्वार।
4 जुलाई से विधि विधान से शुरू हुआ कांवड मेला अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अब तक कांवड$ मेले में हरिद्वार हरकी पैड़ी पहुंचे 2 करोड 59 लाख 30 हजार कांवड़िए आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। गुरूवार को कांवड मेले के नौवें दिन हरिद्वार में रूडकी—दिल्ली हाइवे पर एक ओर से बडे वाहनों का जाम लगा रहा। जबकि दूसरे साइड से छोटे वाहनों को कांवडिए निकाल रहे थे। जाम के चलते बड़े वाहनों में सवार होकर आए कांवड़ियों को घंटों जाम में फंसकर परेशानियां झेलनी पडी। गुरूवार को धर्मनगरी के हाइवे समेत गली मौहल्लों में कांवड़ियों की भीड उमड़ी रही। अब तक 2 करोड 59 लाख 30 हजार कांवड़िये आस्था की डुबकी लगाने के बाद गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं। मेले में भीड बढ़ने के साथ—साथ पुलिस की परेशानी भी बढ़ने लगी। मेले के नौवें दिन हाइवे पर जाम के दौरान पुलिस के पसीने छूट गए।
पुलिस की सभी व्यवस्थाएं धड़ाम हो गई। जिसके चलते हाइवे पर एक ओर बडे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। हाइवे के दूसरी ओर अधिकतर बिना साइलेंसर वाली बाइकों का शोर था। इस दौरान बड़े वाहनों के बीच बाइक सवार कांवड़िये फंसे रहे। काफी देर परेशान होने के बाद हाइवे पर फंसे कांवडियों ने अपनी मोटर साइकिलो को साथी कांवड़ियों की मदद से उठाकर हाइवे की दूसरी ओर रख दी। उधर, कई पार्किंग कांवड़ियों की सैकडो बाइकों से फुल हो गई थी। जाम के चलते पर्वतीय क्षेत्रों से रूडकी—दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशान होना पडा। जाम के दौरान पुलिसकर्मी भी तैनात रहे। कई स्थानों पर कांवड़ियों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। हालांकि कुछ देर बाद मामला शांत हो गया। हाइवे पर अधिक भीड के कारण कई कांवड़ियों ने शहर से ही पैदल निकलना अधिक पसंद किया। स्थानीय लोगो का कहना है कि मेले की शुरूआत में पुलिस की ओर से बेहतर व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन मेले के अंतिम चरण के दौरान पुलिस की ओर से की गई यातायात व्यवस्था फेल हो गई। जिसके चलते हाइवे के एक और कांवड़ियों को जाम का झाम झेलना पडा। वही स्थानीय लोगो को भी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा।