हरिद्वार

महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने की तोड़फोड़

लक्सर।
दाबकी गांव निवासी एक युवती की लक्सर के निकट एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान तबीयत खराब हो गई। बीमार युवती को आनन—फानन में उपचार के लिए देहरादून रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने लक्सर के निजी अस्पताल संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जैसे—तैसे मामला शांत कराया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दाबकी कला गांव निवासी एक युवती की शादी कुछ दिन पूर्व मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के बिझौली गांव में हुई थी। महिला के भाई मोनू के मुताबिक महिला गर्भवती थी। किंतु विगत 24 जुलाई को शारीरिक कमी के चलते उसका गर्भपात हो गया था। इसके बाद परिवार वालों ने उसे लक्सर-गोवर्धनपुर मार्ग पर दाबकी गांव के पास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जहां डाक्टरों ने उसकी शाम के समय छुट्टी कर दी थी। किंतु दो दिन बाद 26 जुलाई को महिला की फिर से तबियत खराब हो गई। उसे उल्टी शुरू हो गई। इसके बाद में परिजन उसे अस्पताल ले गए। जहां पर डाक्टरों ने बताया कि उसकी प्लेट डाउन हो गई है। किंतु उसकी तबीयत में जल्द सुधार हो जाएगा। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद 28 जुलाई की रात में अस्पताल संचालक ने युवती को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। इस पर परिवार वाले 29 जुलाई की सुबह उसे रुडकी स्थित विनय विशाल अस्पताल में ले गए। जहां पर डाक्टरों ने उसे किसी अन्य दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। इस पर परिवार वालों ने युवती को देहरादून के महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती करा दिया। महिला के भाई मोनू के मुताबिक डाक्टरों ने बताया कि उसके पूरे शरीर में सेफ्टिंक फैल चुका है। जिसके चलते उसकी रविवार को देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार वाले उसे घर ले आए। जहां उन्होने सोमवार को उसका उसकी ससुराल बिझौली में अंतिम संस्कार कर दिया है। इसके बाद परिवार वालों ने अस्पताल संचालक से फोन पर संपर्क किया, तो उन्होने पीडित परिवार के लोगों से बात नही की। इससे गुस्साए परिजनों ने दर्जनों ग्रामीणों के साथ अस्पताल में पहुंचकर जमकर तोडफोड की। परिजनों का कहना था कि लक्सर के अस्पताल संचालक ने बीमार को समय पर रेफर नही किया। मृतक के भाई मोनू ने बताया कि महंत इंद्रेश अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि मृतक के पूरे शरीर में सेफ्टिक फैल गया था। तोडफोड को देखकर अस्पताल संचालक व मौजूद स्टाफ मौके से फरार हो गया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई तथा घटना की जानकारी ली। वही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरचंद शर्मा ने बताया कि परिवार वालों की आेर से घटना की तहरीर नही दी गई है। तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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