दूसरी शादी के बाद खुद ही मां छोड़ गई थी नौनिहालों को, जाने दो बच्चो की कहानी जिन्हें न अपने घर का पता न किसी का नाम, कैसे पुलिस ने उन्हें माँ से मिलवाया
आपरेशन स्माइल टीम ने दो मासूमों को फिर घर पहुंचाया
हरिद्वार।
पहले पति की मौत के बाद दूसरी शादी करने वाली महिला अपने गृहस्थ जीवन में बच्चों की अड़चन आने पर तीर्थनगरी में लावारिस हालत में छोड़ गयी। प्रदेश स्तर पर चलाया जा रहा आपरेशन स्माइल के तहत पुलिस टीम ने दोनों बच्चों को बरामद कर एक बार फिर बच्चों को मां से मिलवा दिया। मां को अपनी करनी पर पछतावा हो रहा था।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 3 सितम्बर को रोडी बेलवाला स्थित पार्किंग से लावारिस अवस्था में बालक व बालिका को घुमते हुए पाया। पूछने पर दोनों बच्चों ने अपने नाम मनीष (4) पुत्र स्व. मोहित व देविका (3) पुत्री स्व. मोहित बताया। दोनों भाई-बहन अपनी माता को तलाश रहे हैं। बच्चों की मां के बारे में कोई जानकारी न मिल पाने पर दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति हरिद्वार के आदेश पर खुला आश्रय गृह ज्वालापुर में संरक्षण दिलवाया गया। सहरानपुर, मेरठ, लखनऊ में दोनो नाबालिक बच्चों की फोटो भेजकर शिनाख्त करने का आग्रह किया गया। बच्चों के बताए ग्राम को मुजफ्फरनगर,सहारनपुर ,बिजनौर एवं दिल्ली में आपरेशन स्माइल के तहत काम कर रही थी। टीम हरिद्वार द्वारा तलाश एवं संपर्क अभियान चलाकर की जा रही कठिन परिश्रम व मेहनत के टीम ने सफलता हासिल कर बच्चों के परिजनों को खोजने में कामयाबी हासिल की। बच्चों के मामा निवासी ग्राम जट मंझेडा $्मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ने बताया गया कि बच्चों की माता के पूर्व पति मोहित का स्वर्गवास हो चुका है। अभी दो माह पूर्व शिखा का दूसरा विवाह किया गया। पारिवारिक झगडे के कारण उत्पन्न मानसिक दबाव के चलते बच्चों की माता शिखा उन्हे लावारिस हालत में हरिद्वार छोड गई। दोनों बच्चों के बारे में परिजन के पूछने पर वह रोती रही और बच्चो को हास्टल छोडने की बात बोलती रही। आपरेशन स्माइल टीम ने बच्चों के विषय में हकीकत बताने पर पूरी बात खुलकर सामने आयी। महिला ने अपनी गलती स्वीकार करने तथा परिजनों एवं ग्रामीणों के आग्रह करने पर बच्चों के परिजनों को हरिद्वार लाकर बाल कल्याण समिति हरिद्वार के आदेश पर काउंसलिंग के बाद दोनों बच्चों को परिजनों के सपुर्द किया गया।