उत्तराखण्ड को ‘आयुर्वेद मैनुफैक्चिरिंग हब’ बनाएंगे आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार।
उत्तराखण्ड आयुष विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय ने पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज के साथ उत्तराखण्ड को ‘आयुर्वेद मैनुफैक्चिरिंग हब’ बनाने, औषधीय पौधों के रोपण, वितरण व विक्रय, अनुसंधान, वैलनेस, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, ई-मंडी, वैद्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, किसानों व बीएएमएस के छात्र-छात्राआें को प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के आदि विविध विषयों पर चर्चा की।
इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि पतंजलि उत्तराखण्ड आयुष विभाग के साथ मिलकर उत्तराखण्ड को ‘आयुर्वेद मैनुफैक्चिरिंग हब’ बनाने की दिशा में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने उत्तराखण्ड सरकार को एेसा पोर्टल व एचएमआईएस सिस्टम उपलब्ध करा सकता है जिसमें किसानों की भूमि की जियो मैपिंग व जियो टैगिंग, उनके खेत में फसल के रूप में उपलब्ध औषधीय पौधों की जानकारी, मंडी संबंधी जानकारी तथा ईएमआर सिस्टम के तहत लगभग 1 करोड$ रोगियों का डाटा सब एक जगह उपलब्ध हो सकेगा। आयुष ग्राम योजना पर आचार्य ने कहा कि पतंजलि के द्वारा यमकेश्वर ब्लक, मालागांव में 10 करोड$ रुपए से ज्यादा का निवेश कर वैलनेस प्रोजेक्ट स्थापित किया गया है। चरेक डाण्डा में भी पतंजलि व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटकों को वैलनेस की आेर आकर्षित करने के लिए आचार्य ने व्यापक कार्य योजना बताई जिसकी सभी ने सराहना की। आचार्य ने कहा कि वैद्यों, किसानों तथा बीएएमएस के विद्यार्थियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने हेतु पतंजलि सदैव तत्पर है। उत्तराखण्ड आयुष विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय ने कोटद्वार, टिहरी तथा टनकपुर आदि स्थानो पर ‘आयुष ग्राम’ स्थापित करने हेतु सरकार की आेर से भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव आचार्य बालकृष्ण महाराज के समक्ष रखा। चर्चा के दौरान कुमाऊं क्षेत्र में बड$े स्तर पर आयुर्वेदिक कालेज, वैलनेस सेंटर तथा आयुष ग्राम स्थापित करने पर आचार्य जी के साथ सहमति बनी। बैठक में श्री पाण्डेय ने आचार्य के समक्ष औषधीय पौधे उपलब्ध कराने का आग्रह किया। जिस पर आचार्य ने कहा कि पतंजलि तो औषधीय पौधों का वितरण करता ही है साथ ही हमारे पोर्टल पर किसानों के साथ—साथ उनकी कृषि उपज का सम्पूर्ण डाटा उपलब्ध है। विभाग पोर्टल से जानकारी लेकर सीधे किसानों से भी औषधीय पौधे ले सकते हैं। बैठक में अटल आयुषमान योजना, प्राइमरी हेल्थ केयर, उत्तराखण्ड में हर्बल स्टेट माडल स्थापित करने, पतंजलि विश्वविद्यालय, पंतजलि आयुर्वेद कालेज तथा उत्तराखण्ड आयुष विभाग के साथ मिलकर कार्य करने के साथ—साथ एनएएसी मान्यता आदि के संबंध में भी चर्चा हुई।