हरिद्वार।
जिला चिकित्सालय परिसर में विश्व जूनोसिस दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्व स्तर पर जानवरों, पक्षियों, कीट, पतंगों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों से बचाव के बारे में बताया गया।
पक्षियों व जानवरों ने होने वाली बीमारियों से बचाव और सावधानी के लिए गोष्ठी में मुख्य रूप से डा. वीपीएस जादोन पशु चिकित्सा अधिकारी को बुलाया गया था। जिन्होंने बताया कि मुख्य रूप से जानवरो, पक्षियों, कीट से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों में रेबीज, रूसेला, टीबी,प्लेग, स्क्रब टाइफस, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू इत्यादि हैं। सभी जानवर पालने वाले व्यक्ति जानवरों से उचित दूरी बनाकर रखें। ज्यादा करीब से उनकी बीमारी कब आप मे पहुंच गयी आपको पता भी नहीं चल पायेगा। डा. हितेन जंगपांगी, डा. शशिकांत, डा. संदीप टंडन ने कहा कि मुंहपका बीमारी जो जानवरों में हुई वही बीमारी बच्चों में भी पाई गई। डा. संदीप टंडन ने कहा कि प्लेग की बीमारी,स्क्रब टाइफस भी जानलेवा बीमारी है। जो जानवरो और कीट इत्यादि से फैलता है। इनसे बचाव, सावधानी ही इसका उपाय है। सभी लोग वेजेटेरियन हो जाएं तो जानवरो से होने वाली बीमारियों का डर काफी कम हो सकता है। प्रमुख अधीक्षक डा. सीपी त्रिपाठी एवं डा. आरबी सिंह, डा. चंदन मिश्रा ने कहा कि जो भी जानवर पालते हैं वह उनसे सावधानी भी जरूर रखें। उन्होंने बताया कि बौराड़ी टिहरी में एक बार कुत्तों ने लोगों के मुंह पर काटना शुरू किया और शाम तक35,40 लोगों को कुत्तों द्वारा काटा गया। जिससे पूरा स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अलर्ट हो गया। जांच कराने पर पता चला कि इन कुत्तों ने मृत जानवरों का गोश्त खाने के कारण इनको इस तरह की जेनेटिक कारण हुआ। गोष्ठी में डा. सीपी त्रिपाठी,डा. संदीप टंडन, डा. राम प्रकाश, डा. वीपीएस जादोन,डा. आरबी सिंह, डा. चंदन मिश्रा, डा. हितेन जंगपांगी, डा. शशिकांत,डा. सुब्रत अरोड़ा, डा. उषा बिष्ट, डा. एसके सोनी, डा. विकास दीप, डा. निकिता,डा. रविन्द्र चौहान, डा. रहमान, डा. पंकज, वरिष्ठ नर्सिंग आफिसर उषा, मनोरमा राय,अनिता जैन, सुषमा, एंजेलिना,गीता, माधुरी,दिनेश लखेडा, मिथलेश, नेहा, दीपाली, प्रदीप मौर्य, विनोद तिवारी,डीपी बहुगुणा, लोकेश बहुगुणा,अमित, केएम जोसेफ,आेम शिव भेधी,धीरेंद्र सिंह, कीर्ति, राहुल, आदर्श, सुखपाल सैनी, मूल चंद, रविन्द्र, लाल खान, रमेश जोशी, दया लाल, प्रकाश जोशी, मंजू शर्मा,,मुन्नी देवी, पदम, विपिन रावत, राजीव इत्यादि शामिल हुए।