हरिद्वार।
धर्म यात्रा महासंघ ने श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज द्वारा विश्व प्रसिद्ध दक्षेश्वर महादेव, नीलकण्ठ महादेव टपकेश्वर महादेव मंदिर में महिलाओ व लडकियों के कम कपडे पहनकर प्रवेश पर रोक लगाए जाने वाले बयान का स्वागत किया है। धर्मयात्रा महासंघ की कनखल स्थित एक आश्रम में सम्पन्न हुई बैठक में तीन प्रस्ताव पास हुए। प्रस्तावों में देवभूमि के सभी मन्दिरों में महिलाओ व लडकियों को मरिर्यादित भेषभूषा में ही प्रवेश करने की मांग की गयी है। हरकी पैडी पर गैर हिन्दुओ के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध के साथ ही इस क्षेत्र में अवैध रुप से अपनी पहचान छिपा कर रह रहे मुस्लिमों को चिन्हित कर उसे यहां से बाहर निकलने तथा हरकी पैडी के पास से प्रशासन द्वारा अवैध रुप से रहे मुस्मिल गुर्जरों के पुन: वहां काबिज होने पर भी चिंता व्यक्त की गयी। इस मौके पर धर्मयात्रा महासंघ के केंद्रीय मंत्री डा. रजनीकांत शुक्ला ने कहा कि भारतीय धर्म सँस्कृति परंपराओ के अनुसार ही महिलाओ व लडकियों को मन्दिरों में प्रवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुओ धर्म को छोड़ कर अन्य सभी धर्मो में महिलाओ व पुरुषों के लिए मरिर्यादित वस्त्रो में ही प्रवेश दिया जाता है। लेकिन भारतीयों पर तेजी से पश्चिम सभ्यता को ग्रहण किया जा रहा है। जिसके चलते बडी उम्र की महिलाएं भी भद्दे वस्त्र पहनकर बड़ी शान से घुमती है। कई बार जो असहाज स्थिति उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज का निर्णय स्वागत योग्य है। महिलाओ को सभ्य वस्त्रो में ही मन्दिरों में प्रवेश करना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रान्त प्रमुख रविन्द्र गोयल ने कहा कि हरिद्वार में हरकी पैडी के आसपास अवैध रुप में मुस्लिम घुसपैठ कर रहे है। नाम, पहचान बदलकर मुस्लिम हरकी पैडी क्षेत्र में कारोबार कर रहे है, रात को भी वही रुकते है। तीर्थ की मरिर्यादा को नष्ट कर रहे है। बैठक का संचालन करते हुए डाक्टर चन्द्रधर काला ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिछले दिनों हर की पैडी के पास से अवैध रुप से बसे मुस्लिम गुर्जरों को हटाया गया था, लेकिन वह पुन: इस क्षेत्र में काबिज होते जा रहे है। जो कि देवभूमि की सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती बनेगा। बैठक में डा. उपेन्द्र गुप्ता, श्रीमती ललिता मिश्र,रविदत शर्मा, कमलेश्वर मिश्रा, यशपाल, डा. प्रशान्त पालीवाल, जानकी प्रसाद, सुभाष मिश्रा, सुनीता शुक्ला, श्रीप्रकाश त्रिपाठी, मनोज चौहन आदि मुख्य थे।