हरिद्वार।
योग गुरू बाबा रामदेव व पंतजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ के सन्यासियों और विभिन्न अखाड़ों के संतों के साथ श्री दक्षिण काली मंदिर घाट पर होली का पर्व मनाया। इस दौरान संतों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी और भारत को विश्व गुरू बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान बाबा रामदेव ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी होली के रंगों के साथ ज्ञान, भक्ति, देश भक्ति, प्रेम और करूणा के दिव्य रंगों में रंग जाएं। देश में आर्थिक बदहाली, सांस्कृतिक, वैचारिक दरिद्रता ना रहे। उन्होंने कहा कि देश राजनैतिक रूप से तो आजाद हो गया है। लेकिन आर्थिक, शिक्षा और चिकित्सा की आजादी अभी शेष है। शिक्षा, चिकित्सा, भाषा के नाम पर अपसंस्कृति चल रही है। एेसे में होली के पावन पर्व पर संतों ने देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2४७ तक स्वस्थ, समृद्ध और संस्कारवान भारत बनाने का संकल्प लिया है। योग धर्म के साथ सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहराएंगे और भारत विश्व गुरू बनेगा। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली मिलन का पर्व है। होली सभी धर्म समुदायों को एक साथ लाता है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से योग और आयुर्वेद को पूरे विश्व में एक नई पहचान मिली है। योग, आयुर्वेद और सनातन धर्म संस्कृति के बल पर भारत पुन: विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों और पर्वो का गुलदस्ता है। जिनमें होली का अपना अलग ही महत्व है। होली के रंग सभी बंधन आेर असमानता दूर कर लोगों को आपस में जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि के प्रयासों से आरोग्य भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्वामी हरिवल्लभदास शा महंत रघुवीर दास, महंत सूरजदास, स्वामी रविदेव शा ी, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, बाबा हठयोगी, पावन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी वेदांत प्रकाश सहित बड$ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।