हरिद्वार।
श्री सनातन ज्ञानपीठ शिव मंदिर समिति सेक्टर- 1 बीएचएल में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस भागवत आचार्य पंडित पवन कृष्ण शा ी ने देवी भागवत महात्म का श्रवण कराते हुए बताया श्रीमद् देवी भागवत की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण मानस खंड में 5वें अध्याय में किया गया है। बताया कि नैमिषारण्य में 8८ हजार ऋषि मुनी, सूत जी महाराज से देवी भागवत कथा श्रवण कराने के लिए प्रार्थना करते हैं।
सूत जी महाराज ने देवी भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया सर्वप्रथम द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव जी ने कंस के कारागृह में गर्गाचार्य को संकल्प देकर देवकी के अष्टम गर्भ की रक्षा के लिए देवी भागवत कथा करने को कहा। गर्गाचार्य ने विंध्याचल पर्वत पर नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी भागवत कथा का पाठ किया। जिससे देवकी के अष्टम गर्भ्की रक्षा हुई एवं जब सत्राजित की मणि सत्राजित का भाई प्रसनजीत धारण करके शिकार खेलने के लिए गया लौट कर नहीं आये। भगवान द्वारिकाधीश के रक्षा के लिए द्वारिका पुरी में देवी भागवत कथा का आयोजन किया गया। भगवताचार्य ने बताया द्वारिकाधीश पर मिथ्या कलंक सत्राजित द्वारा लगाया गया कि द्वारिकाधीश ने मणि चुरा दी। द्वारिकाधीश मणि को ढूंढते हुए जंगल में पहुंचे वहां पर प्रसनजीत मरा पड$ा था। प्रसन्नजीत को मारने वाले शेर को ढूंढते हुए जब गुफा में प्रवेश किए तो वहां पर रिछराज जामवंत के साथ युद्ध प्रारंभ हो गया। द्वारिकापुरी में द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण के पिता वसुदेव ने श्री कृष्ण की रक्षा के लिए नवरात्रि 9 दिनों तक देवी भागवत कथा का आयोजन किया। जिसके प्रभाव से द्वारिकाधीश ने रिछराज जामवंत को पराजित किया एवं द्वारिकापुरी लौट कर आए। शा ी जी ने बताया जो भी व्यक्ति देवी भागवत कथा का श्रवण करता है मां भगवती जगदंबा की कृपा से उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस शा ी जी ने प्रथम शैलपुत्री का चरित्र श्रवण कराते हुए कहा मां भगवती का जन्म हिमांचल के यहां मैना के गर्भ से हुआ इसीलिए इनका नाम शैलपुत्री पड$ा। प्रथम नवरात्रि के दिन प्रत्येक देवी भक्तों को मां शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए। कथा में ब्रिजेश कुमार शर्मा तथा मुख्य यजमान आलोक शुक्ला, राकेश मालवीय, आदित्य गहलोत, तेज प्रकाश, दिलीप गुप्ता, विभा गौतम, संतोष चौहान, अलका, रेनू, शशि, विष्णु सृष्टि, संतोष चौहान, पूनम, नीतू, कमल सिंघल आदि उपस्थित रहे।