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सेठपुर गांव के पीड़ित किसान प्रशासनिक लापरवाही के बाद अब मदद दिलाने के नाम पर सरकार का मुंह ताक रहा

लक्सर।
पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते सेठपुर गांव में करीब 300 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई। इससे पशुओं के चारे को भारी नुकसान पहुंचा है तथा लोगों के घरों में सीलन—दरारों से लोग दहशत में है।
उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदान तक पिछले पांच दिनों से हो रही भारी बरसात के कारण अब बाढ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। इससे किसानों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण लक्सर क्षेत्र के सेठपुर गांव की तकरीबन 30 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। कटार सिंह, मदन पाल सिंह, सुनील सिंह आदि ग्रामीणों का कहना है उनके गांव की लगभग 300 बीघा कृषि भूमि में खड़ी धान सहित पशुओं के चारे और गन्ने की फसल किसानों की नजरों के सामने बर्बादी की भेंट चढ रही है। वही इंसानो के सामने भूखा मरने की नौबत और बेजुबान पालतू पशुओं के चारे का अकाल पड़ने वाला है। इसके अलावा घरों में सीलन और दरारों से अब लोगो में और भी दहशत पैदा हो चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के नेता सिर्फ वोट बटोरने तक ही सीमित है, उन्हे गरीब जनता के दुख से कोई वास्ता मतलब नही है। यदि पीड़ित किसान किसी प्रतिनिधि के सामने अपना दर्द बयां करते है, तो उन्हें प्रशासनिक स्तर से सहायता दिलाने के नाम का  लोलीपोप देकर वापस लौटा दिया जाता है। हालांकि पीडित किसानों का एक बड$ा तबका प्रशासनिक लापरवाही के बाद अब मदद दिलाने के नाम पर सरकार का मुंह ताक रहा है।

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