चमोली।
गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब इस समय करीब 12 से 15 फुट बर्फ से ढके हुए हैं। यहाँ स्थित झील भी बर्फ की सफेद चादर की तरह है। अटलकुटी ग्लेशियर जो हेमकुण्ट साहिब से तकरीबन दो किलोमीटर पहले है वहाँ से बर्फ को काट कर उसके बीच से रास्ता बनाया जाना है। बर्फ को हटाने की सेवा परंपरागत भारतीय सेना द्वारा ही की जाती है।
इस वर्ष सेना के जवानों ने 15 अप्रैल से घांगरिया के लिये प्रस्थान करना था जहां पर वह अपना बेस गुरुद्वारा काम्प्लेक्स में बना कर रोज ऊपर जाकर बर्फ कटान का कार्य प्रारम्भ करते लेकिन 19 अप्रैल को मतदान के कारण गुरुद्वारा ट्रस्ट के निवेदन पर यह कार्य अब 20 अप्रैल से प्रारंभ होगा।
इस वर्ष यात्रा श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट को उत्तराखण्ड सरकार एवं श्री हेमकुण्ट साहिब ट्रस्ट ने 25 मई को खोलने कि तिथि घोषित की है।