उत्तराखंड हरिद्वार

यदि कोई छोटी सी वार्ता या कहानी किसी को प्रसन्नता देती है तो वह वार्ता मनुष्य को क्या नहीं दे सकती: मोरारी बापू

हरिद्वार।
पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित रामकथा जो कि ‘मानस गुरुकुल’ विषय पर आधारित है, जिसका शुभारंभ हनुमान चालीसा से हुआ, जहां पर स्वामी रामदेव महाराज ने आचार्यकुलम् एवं गुरुकुलम् के छात्र-छात्राओ के साथ पंचउपदेश, पंचदर्शन, एकोपनिषदों एवं पांच शा ों से 2१ शा ों का रसपान छोटे-छोटे छात्र-छात्राआें से करवाया। कंठस्थ शा ों  को सुनकर मोरारी बापू इन बाल छात्र-छात्राओं से बहुत प्रभावित हो गये और उन्होंने कहा कि आज स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण गुरुकुलम, आचार्यकुलम् व एसे ही विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रयास कर रहे हैं। जिसकी जडे हमारे ‘वेद’ हैं। ऐसे छात्र-छात्राएं यहां पर तैयार किए जा रहे है, जो भारत का, पृथ्वी का, दुनियां का भविष्य होंगे। इस अवसर पर मोरारी बापू ने सांमवार को कथा के माध्यम से उन लोगों पर भी चोट की जो राम कथा को कहानी या वार्ता की संज्ञा देते है। उनका कहना है कि यदि कोई छोटी सी वार्ता या कहानी किसी को प्रसन्नता देती है तो वह वार्ता मनुष्य को क्या नहीं दे सकती। मानस गुरुकुल’ पर बोलते हुए पूज्य मोरारी बापू ने कहा कि भगवान श्रीराम जो चारों वेदों के ज्ञाता थे, वह भी गुरुकुल में विद्या लेने के लिए गये, जहां पर अल्प अवधि में भी उन्होने संम्पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति की एवं ब्रह्म विद्या का सोपान किया। आज बच्चों की आंखों में प्रेम, स्नेह, निर्दाेषता विषमयी भी जिसे गुगल ने छीन लिया है। आज बच्चो में जिज्ञासा विषयों को जानने की रुचि खत्म होती जा रही हैं जोकि बडी चिन्ता का विषय है। बच्चे गुगल पर बस सर्च करके चीजों को हासिल करना चाहते है, जबकि  स्वामी रामदेव महाराज वेद, योग, विज्ञान का समन्वय स्थापित करके नये युग की स्थापना करना चाहते हैं।  राम कथा में पूज्य आचार्य बालष्ण जी महाराज, सावी आचार्या देवप्रिया, डा ऋतम्भरा शा ी, प्रो महावीर अग्रवाल, ललित मोहन व श्रीमती शशी मोहन, बहन प्रवीण पूनीया, निर्विकार, एनसी शर्मा सपत्नी, अंशुल, पारूल, स्वामी परमार्थ देव, राकेश कुमार, अनिल यादव, प्रो. केएनएस यादव, प्रो. वीके कटियार व वीसी पाण्डेय के साथ—साथ पतंजलि विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षकगण, कर्मचारी तथा छात्र- छात्राआे, पतंजलि संन्यासाश्रम के संन्यासी भाई व सावी बहनों व विभिन्न प्रांतों से पधारे हजारों श्रद्धालुआें ने कथा श्रवण का लाभ लिया।

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