बहादराबाद।
सरकारी राशन का मामला कुछ न कुछ बातों को लेकर चर्चाआें में बना रहता है। कई जगह देखने को मिलता है कि कुछ अच्छे स्तर के ग्रामीण सरकारी राशन खरीदते तो है लेकिन उचित मूल्य पर बेचने के लिये फेरी वाला घर-घर आता हैं और उस सरकारी राशन को उचित मूल्य पर खरीद कर ले जाता हैं। ऐसा ही मामला ग्राम अतमलपुर बोंगला, ग्राम बहादराबाद तथा रोहलकी आदि ग्रामो में भी देखने को मिल जाता है। जहां बाहर के कुछ व्यक्ति आकर चावल खरीद कर ले जा रहे हैं। क्या प्रशासन की इन पर कोई रोक नहीं है। सरकार काफी संख्या में कार्ड धारकों को फ्री में राशन दे रही है फिर वह उसे 15 से 18 रुपए प्रति किलों के उचित मूल्य पर बेच रहे हैं। सरकार द्वारा राशन डीलर को आदेश दिए जाते हैं के घर से बुला बुला कर कार्डधारकों को राशन दीजिए। फिर वह फ्री का राशन बेच देते हैं और पैसे कमाते हैं। किसानों के खेत खाली पड$े हैं। इसीलिए गेहूं की पैदावार कम हो रही है क्योंकि सरकार गरीब को गेहूं दे रही है तो वह खेत में करने क्यों जाएगा। जब उसको घर में बैठे हुए फ्री में गेहूं और चावल मिल रहा है खेत में क्यों जाएगा।