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पूर्व मुख्यमंत्री ने अंकिता हत्याकांड पर क्या कहा

देहरादून।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बॉडी में अंकिता के गांव जाकर उसके परिजनों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को समझने का प्रयास किया साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया में वायरल अपने एक लेख में क्या क्या कहा

स्तुत्य वाक्य है, जो सबके लिए हितकर हो और अपने लिए भी सुख कर हो, उस पर नित्य आचरण करना चाहिए।
सामाजिक जीवन में इसका पालन कठिन है। उत्तराखंड की बेटी अंकिता की निर्मम हत्या हो गई। अपराधी को इतना वक्त दिया गया कि वह साक्ष्य मिटा सके, एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बुलडोजर से तोड़कर नष्ट कर दिया गया। जहां CCTV कैमरा सहित कई साक्ष्य कोर्ट में महत्वपूर्ण हो सकते थे। अपराधियों के मोबाइल और उनके संरक्षकों के मोबाइल गायब बताए जा रहे हैं। अपराधियों को पुलिस रिमांड में लेने में जान बूझकर विलंब हो रहा है। सोशल मीडिया में अंकिता के मैसेज और उसके दोस्त से हुई बातचीत का ब्यौरा इन्वेस्टिगेशन का आधार है या नहीं! अभी तक वह वीआईपी नाम गुप्त है जिसको एस्कॉर्ट करने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था। पोस्ट मार्टम में महिला डॉक्टर को सम्मिलित न करना रहस्य को और गहरा कर दे रहा है। शोक संतप्त मां-बाप को शाब्दिक संवेदना के अतिरिक्त सत्ता ने कोई आर्थिक, भौतिक सहायता नहीं दी है। 18 सितंबर की सांय से ही चर्चा में आ चुके अंकिता की हत्या की आशंका के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ्तारी में विलंब, शव खोजने में विलंब, प्रमुख अभियुक्त के रहस्यमय तरीके से गायब मोबाइल की खोज न होना कहीं न कहीं सवाल खड़े कर रहा है।
थैंक्यू Ganesh Godiyal जी कल दिनांक-28 सितंबर, 2022 आप 11:30 बजे गांधी पार्क देहरादून में मौन उपवास पर बैठ रहे हैं। मैं भी आपके साथ “मौन उपवास” पर बैठूंगा। मैं पार्टी के सभी नेतागणों, प्रमुख सामाजिक संगठनों, महिला संगठनों, जनवादी पार्टियों, दोनों कम्युनिस्ट पार्टी, समाज वादी पार्टी, उकरांत,आप जैसे राजनैतिक दलों के नेतागणों, सड़क संसद के अयोजकगणों, पूर्व सैनिक संगठनों, व्यापार संगठनों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल, महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस, अनुसूचित जाति कांग्रेस, अल्पसंख्यक कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के सभी नेतागणों से प्रार्थना करता हूं कि इस #मौन_उपवास और गांधी भजन का हिस्सा बनें।
आप सब सादर आमंत्रित हैं। आइये हम उत्तराखंड की अस्मिता को रौंदने की घृणित कृतियों का विरोध करें, श्री गणेश गोदियाल जी के स्तुत्य निर्णय के साथ जुड़ें।

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