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कोटद्वार।
अंकिता भंडारी के गुनहगारों की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के वकीलों ने इनकार कर दिया है। कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। कोटद्वार में वकीलों द्वारा आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई। आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म हो रही है।
उल्लेखनीय है कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था। अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया। जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी। लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।