उतराखंड चुनाव 2022 देहरादून हरिद्वार

पहली लिस्ट जारी, कांग्रेस की प्रयोगशाला

राहुल गिरी

देहरादून/ हरिद्वार।

बड़ी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी की जिसमें 70 में से 53 विधानसभाओं पर विधानसभा प्रत्याशियों के नाम जारी किए गए हैं जिसमें अधिकतर उन पूर्व विधायकों के नाम शामिल हैं जो पहले भी कांग्रेस से जीत कर विधायक बन चुके हैं मंत्री बन चुके हैं वही हरिद्वार नगर सीट से इस बार सतपाल ब्रह्मचारी को दूसरी बार अपना भाग्य आजमाने का मौका कांग्रेस द्वारा दिया गया।

हरिद्वार नगर सीट कांग्रेस की प्रयोगशाला

हालांकि देखा जाए तो कांग्रेस ने हरिद्वार नगर सीट पर आज तक केवल नए नए प्रत्याशी भेजकर प्रयोग भी किए हैं जबकि सतपाल ब्रह्मचारी पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष रहे। जिसके बाद वह कई बार चुनाव लड़ने के लिए तैयारियां तो करते रहे परंतु एन वक्त पर उनका टिकट काटकर अन्य कांग्रेसियों को खुश करने का प्रयास किया गया।

टिकट पर था असमंजस

सूत्रों की माने तो इस बार भी सतपाल ब्रह्मचारी ने काफी पहले से अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी। परंतु टिकट फाइनल ना होने के चलते अभी तक भी वह असमंजस की स्थिति में थे जो आज शनिवार देर रात में दूर हो गई।

 नाम नया नहीं परंतु मुकाबला कौशिक से

उल्लेखनीय है कि भले ही सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार शहर में नया नाम नहीं है उन्हें हरिद्वार शहर में हर कोई नाम चेहरा और उनके व्यवहार से परिचित है बावजूद इसके उनका मुकाबला भाजपा के कद्दावर और पिछले चार विधानसभाओं से जीते आ रहे मदन कौशिक से है जो 20 साल से शहर की हर गली मोहल्ले और घरों में अपनी जड़ जमाए हुए हैं अब देखना यह होगा सतपाल ब्रह्मचारी अगले 20 दिनों में ऐसा क्या करेंगे कि वह 20 साल से स्तंभ बने मदन कोशिक का किला उखाड़ सके। कांग्रेस पार्टी की खराब नीतियों के चलते कांग्रेस प्रत्याशियों को पिछले 20 सालों से हरिद्वार विधानसभा सीट पर शिकस्त खानी पड़ रही है।

घर के भेदी लंका ढाए

भले ही कांग्रेस यहां बड़ा पहलवान उतारते हो परंतु समय की कमी और कांग्रेस की आपसी फूट के चलते पहलवान शिकस्त खा जाते हैं उल्लेखनीय है कि अभी भी सतपाल के नाम पर हरिद्वार शहर में कॉन्ग्रेस कई गुटों में बटी है। एक और सतपाल ब्रह्मचारी को हरीश रावत गुटका माना जाता है तो वहीं दूसरी ओर प्रीतम गुट के लोग अभी तक भी उनसे दूरी बनाए हुए हैं। कांग्रेश के भीष्म कहे जाने वाले नेता भी ब्रह्मचारी के साथ खड़े होते नहीं दिखे हैं। ब्रह्मचारी के सामने अभी भी दो मुद्दे हैं एक और जहां जनता के बीच में जाकर चुनाव जीतना है वहीं दूसरी ओर गुटों में बंटे कांग्रेसियों को भी विश्वास में लेना है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *