गांव में कच्ची शराब बंद होने पर सम्मान समारोह आयोजित, हरिद्वार शहर मे कब होगा बड़े जनप्रतिनिधियों का ऐसा सम्मान
हरिद्वार / बहादराबाद।
थाना क्षेत्र में नशा मुक्ति वाहिनी संगठन की ओर से गांव में कच्ची शराब बंद होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें संगठन की महिला शक्ति ने शांतरशाह चौकी इंचार्ज ख़मेंद्र गंगवार, ग्राम प्रधान जसविंदर रोड और पत्रकार ऋषभ चौहान का शॉल उड़ा कर सम्मान किया। इस बीच संगठन के अध्यक्ष सोरन सिंह ने कहां की गांव में कच्ची शराब घर- घर में बनाई जा रही थी। जिस कारण गांव के लोग बर्बादी की कगार पर थे। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास से नशा मुक्त गांव अभियान के तहत यह शराब बंद का कार्य सफल हो पाया है। वही चौकी इंचार्ज ख़मेंद्र गंगवार ने कहा कि जो भी शिकायतें गांव वासियों की तरफ से पुलिस को मिलती रही। उस पर तत्काल कार्यवाही पुलिस ने की है, और आगे भी करती रहेगी। पुलिस नशे के खिलाफ पूरा सहयोग करेगी।
उल्लेखनीय है की दो वर्ष पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशा मुक्त उत्तराखंड 2025 का नारा दिया जिसके अनुपालन मे हरिद्वार सहित पूरे प्रदेश की पुलिस नशा मुक्त उत्तराखंड 2025 को लेकर लगातार अभियान चला रही है, लेकिन अब वर्ष 2025 भी आ गया लेकिन अभी तक जनपद के एक ही गाँव को नशा मुक्त किया जा सका है। जबकि पूरे जनपद मे प्रतिदिन दर्जन भर नाशमुक्ति अभियान चल कर कारवाही की जा रही है। यदि बात करे धर्म नागरी हरिद्वार की ही तो ये शहर नशा, मादक पदार्थ, , मीट मास से प्रतिबंधित क्षेत्र है बावजूद इसके प्रतिबंधित सभी अवेध कार्य यहा प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से चलाए जा रहे है। पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कारवाही और अभियान तब तक नशे की एस समस्या को अकेले दूर नहीं कर सकते जब तक स्थानीय सत्तारूढ़ राजनेतिक दलों के नेताओ जनप्रतिनिधियों और जन साधारण का खुला सहयोग प्राप्त नहीं हो जाता है। जरायम कारोबार से जुड़े ऐसे लोग भी अपने बचाव और संरक्षण के लिए इन राजनेतिक दलों से जुड़े हुए है जिसके चलते प्रशासन पर दबाव की स्थिति लगातार बनी रहती है। कहे तो स्थानीय कई छुटभैये नेता भी इन अवेध धंधो से अपरोक्ष रूप से जुड़े हुए है और धंधे बाजों को संरक्षण दे रहे है। प्रभावशाली बड़े नेताओ को मुख्यमंत्री के नशा मुक्त उत्तराखंड / हरिद्वार 2025 को साकार करने के लिए इसे लोगो को अपने संगठनो से बहार का रास्ता दिखाना चाहिए।