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मामी से हुआ इश्क तो मामा को लगाया ठिकाने

इंदौर/ कालू वर्मा

‘मेरा इश्क औरों जैसा नहीं है। अकेले रहेंगे पर तेरे ही रहेंगे।’ यह वह लाइनें है जो मामा की हत्या करने वाले भानजे की जो उसने मामी के लिए लिखी थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर ढूंढी है। आरोपित रिमांड पर है। पूछताछ जारी है। खून से सने कपड़े, पत्थर और जिससे गला घोंटा वो गमछा जब्त कर लिया गया है। विदुर नगर निवासी रजाई-गद्दा व्यवसायी रूपसिंह राठौर की उसके भानजे शुभम पंवार ने हत्या करवाई है। शुभम को रूपसिंह की पत्नी यानी मामी (पूजा) से इश्क हो गया था। दोनों एक-दूसरे को बेपनाह चाहने लगे थे। रूपसिंह भी शराब पीकर पूजा के साथ मारपीट करता था। प्रताड़ना से तंग आकर पूजा ने शुभम को शरीर के घाव बताए और तय किया कि रूपसिंह को रास्ते से हटाना है। शुभम मंदसौर में एक शराब की दुकान पर नौकरी करता है। उसने चार नाबालिगों को रूपसिंह को ठिकाने लगाने के लिए तैयार कर लिया। उसने कहा कि काम होने पर दस-दस हजार रुपये दे देगा।

रूपसिंह की हत्या में शुभम और पूजा की गिरफ्तारी के बाद स्वजन बेहद दुखी है। शुक्रवार को उन्होंने पुलिस अफसरों को बताया कि रूपसिंह भी शुभम को बहुत चाहता था। उसने शुभम को उसके घर में रखा। एक बार पिटाई कर दी तो वह घर से चला गया और सूर्यदेव नगर में रहने लगा। घर में रहने के दौरान ही पूजा के करीब आया। उसने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया है।
पुलिस को जानकारी में पता चला कि रूपसिंह मूलतः एमपी के बैतुल का रहने वाला था। गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम होते ही पूजा भी परिजनों के साथ बैतुल पहुंच गई। वह इस बात से बेखबर थी कि शुभम पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। देर रात पुलिसकर्मी पहुंचे और बातचीत के बहाने पूजा को हिरासत में ले लिया। शुक्रवार शाम वह इंदौर पहुंची और पूछताछ की गई। थोड़ी देर में वह टूट गई और कहा कि रूपसिंह परेशान करता था। उसके साथ बेरहमी से मारपीट करता था। शुभम से कहा था कि उसको जान से नहीं मारना है केवल अधमरा करना था ताकि वह बिस्तर पर पड़ा रहे। 

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