-नीतीश भारद्वाज द्वारा श्रीकृष्ण भगवान का पात्र निभाया गया
हरिद्वार।
जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की “आचार्य पीठ पर पदस्थापन के दिव्य 25 वर्ष” पूर्ण होने के अवसर पर श्रीदत्त जयंती पर हरिहर आश्रम, हरिद्वार में दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का शुभारंभ आज से हो चुका है।
इस “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” के प्रथम दिवस के सायंकालीन कार्यक्रम में “चक्रव्यूह” नाटक का मंचन किया गया। अतुल सत्य कौशिक द्वारा निर्मित एवं निर्देशित इस नाटक की
केंद्रीय भूमिका में नीतीश भारद्वाज द्वारा श्रीकृष्ण भगवान का पात्र निभाया गया। नीतीश भारद्वाज, प्रसिद्ध नाटक महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता हैं।
इस प्रसंग में सूत्रों द्वारा अधिक जानकारी देते हुए बताया गया कि इस चक्रव्यूह नाटक का मंचन पूरे देश में 100 से अधिक बार हो चुका है, लेकिन धर्म नगरी हरिद्वार में इसका मंचन पहली बार हरिहर आश्रम के दिव्य प्रांगण में आयोजित हुआ है।
इस अद्भुत नाटक में कुल 28 पात्र समिल्लित रहे।
आदरणीय नितीश भारद्वाज ने चक्रव्यूह नाटक के मंचन को हरिहर आश्रम के प्रांगण में करना, संपूर्ण कला के परिवार का सौभाग्य बताया और कृष्ण भगवान के पात्र रूप में अभिनय करते हुए महाभारत युद्ध और उसी युद्ध के कोख से अवतरित हुए गीता के ज्ञान का मंथन बहुत ही मधुरतम वाणी में किया।
भगवद गीता, एक 700 श्लोक वाला हिंदू धर्मग्रंथ है, जो भारतीय महाकाव्य महाभारत का हिस्सा है। इसमें राजकुमार अर्जुन और भगवान कृष्ण, (उनके सारथी) के बीच संवाद शामिल है। गीता कर्तव्य, धार्मिकता और आध्यात्मिक प्राप्ति के मार्ग की अवधारणाओं को संबोधित करती है और जीवन के प्रत्येक पहलू पर प्रकाश डालती है। इसे सार्थक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने का मार्गदर्शक माना जाता है। नाटक की भूमिका बांधते हुए, योगीश्वर भगवान के रूप में उन्होंने कहा कि घटनाओं को भूल जाओ, शिक्षाओं को याद रखो। यह ज्ञान हर पिता, अपने हर योग्य पुत्र को धरोहर में दे देता तो आज ये रण हुआ ही ना होता।
इस नाट्य मंचन के दौरान, अत्यन्त प्रभावशाली अभिनय और मार्मिक संवादों के माध्यम से सभी कलाकारों ने दर्शकों का मन मोह लिया। विभिन्न मार्मिक प्रसंगो के उद्घाटन से समस्त नौ रसों का मंथन किया गया। विशेष रूप से मंच पर नाटक के मुख्य भूमिका में अभिमन्यु का किरदार साहिल छाबरा के द्वारा निभाया गया और उनका अभिनय अत्यंत ओजपूर्ण और प्रभावशाली रहा। उत्तरा अभिमन्यु प्रसंग नाटक का केन्द्र रहा।
इस अवसर पर हिन्दू धर्म आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानन्द, स्वामी ब्रह्मेशानंद, पूर्व-केन्द्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, महामण्डलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी अपूर्वानन्द गिरि महाराज, संस्था के अनेक वरिष्ठ न्यासीगण, वरिष्ठ प्रशासनिक व अधिकारी गण, देश-विदेश से बड़ी संख्या में पधारे साधकों तथा शहर के गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।