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सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास ने विभिन्न विभागों को दिये आवश्यक निर्देश

आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास सचिव ने समीक्षा बैठक में राहत एवं बचाव कार्यो की ली विस्तृत जानकारी

हरिद्वार।
सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र हरिद्वार का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) एवं आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा विगत दो—तीन दिनों से जनपद में भारी वर्षा से हुये नुकसान एवं जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण/ जिला प्रशासन द्वारा अब तक किये गये समस्त राहत—बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गयी।
आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि विगत दो—तीन दिनों में वर्षा का औसतन 453.52 आंकडे रिकार्ड में दर्ज किये गये हैं। जिसके कारण जनपद में लगभग 35—36 ग्राम बाढ/ जल भराव से प्रभावित हुए है। शहरी क्षेत्रों में लगभग 32 क्षेत्रों में अत्याधिक जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई है। जनपद में अत्याधिक वर्षा के कारण लोनिवि के 02 राज्य मार्ग, 03 मुख्य जिला मार्ग, 03 अन्य जिला मार्ग, 07 ग्रामीण मार्ग, कुल 15 सडक मार्ग बाधित हुए हैं। राज्य आपदा मोचन निधि से तात्कालिक अहेतुक, गृह अनुदान, जनहानि पशुहानि के सापेक्ष अब तक 2.36 लाख की धनराशि वितरित की गयी तथा राहत बचाव कार्यो में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की कुल 14 टीमें तथा 164 सदस्य तैनात हैं। इसके अलावा आपदा मित्र ग्रामीण स्वयं सेवकों, सामाजिक संस्थाआें का भी निरन्तर सहयोग लिया जा रहा है। इसके अतिरक्त जनपद में समस्त कार्यदायी संस्थायें लोनिवि, पेयजल, विद्युत, सिंचाई, खण्ड विकास, राजस्व आपूर्ति विभाग, स्वास्थ्य, आदि विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा राहत बचाव की कार्यवाही करते हुए जन सुविधायें बिजली, पानी, सडक, विद्युत मार्ग आदि को बहाल किया जा रहा हैं। बताया कि वर्तमान डाक कांवड यात्रा में अत्याधिक जाम होने के दृष्टिगत बाढ प्रभावित क्षेत्रों में हैलीकाप्टर के माध्यम से फूड पैकेट (पक्का भोजन) एवं खाद्यान्न राशन किट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, हरिद्वार को बाढ$ प्रभावित क्षेत्रों में पशुआें के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था तथा राजस्व टीम के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आकस्मिक आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना आपदा प्रबन्धन विभाग को तत्काल उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। सचिव द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी, हरिद्वार को बाढ$ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाआें एवं छोटे बच्चों के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी, हरिद्वार से समन्वय स्थापित करते हुए आपदा प्रबन्धन अधिकारी, हरिद्वार के माध्यम से सुस्पष्ट कार्ययोजना शासन को उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसके अतिरिक्त  जिला समाज कल्याण अधिकारी, हरिद्वार को बाढ$ प्रभावित क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुरक्षित निकासी एवं उनके भोजन, पानी आदि आवश्यक व्यवस्थायें किये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया। डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जीआईएस एनालिस्ट से बाढ प्रभावित क्षेत्रों व सोलानी नदी व सहायक नदियों के बारे में एवं जीआईएस मैपिंग के माध्यम से लक्सर व खानपुर के अन्तर्गत अत्याधिक बाढ$ से प्रभावित क्षेत्रों की भी जानकारी ली गयी। इसके अतिरिक्त  उनके द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में तत्काल राहत सामग्री को हेलीकाप्टर के माध्यम से लक्सर, खानपुर क्षेत्र में पहुंचायी गयी। डा. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा संचार व्यवस्थाआें को आेर अधिक सुद्रढ करने एवं पंजिकाआें में दर्ज समस्त सूचनाआे/ शिकायतों के सापेक्ष विभागीय स्तर पर की गयी कार्यवाही को सुस्पष्ट रुप से अंकित किये जाने के निर्देश दिये गये तथा वर्तमान आपदा की स्थिति तथा राहत बचाव कार्यो के सम्बन्ध में निरन्तर अपडेट करते हुए अपेक्षित सहयोग हेतु यथाशीघ्र राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र/ आपदा प्रबन्धन विभाग को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा कैन्तुरा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनीष दत्त, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. योगेश शर्मा, उरेडा के अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा सहित सम्बन्धित आधिकारीगण उपस्थित थे।

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