लक्सर।
लक्सर में चर्चित एक मीडियाकर्मी द्वारा कथित तौर पर पीएम योजना घोटाला प्रकरण के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। चुकि आरोपित पत्रकार पर पीएम योजना घोटाला तो साबित नही हो सका, किंतु पीड़ित पत्रकार द्वारा न्यायालय में दायर परिवाद के बाद न्यायालय ने घोटाला करने का आरोप लगाने वाले पत्रकार के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है।
लक्सर क्षेत्र में इन दिनों फर्जी पत्रकारिता की आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जमकर धन उगाही और अन्यथा की स्थिति में प्रतिष्ठित नागरिकों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अनर्गल तथा भ्रामकपूर्ण समाचारों का प्रसारण करना चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ दिन पूर्व लक्सर में कथित रूप से पत्रकार अमित गिरि गोस्वामी की खबरों की नकल करने पर मीडियाकर्मी को कॉपीराइट अधिनियम और धारा-420 के तहत हाईकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लीगल नोटिस जारी किया गया था। इस कार्यवाही से गुस्साए पत्रकार द्वारा पीएम आवास योजना की RTI से प्राप्त सूचना का हवाला देते हुए ख़ुद पर हुई नोटिस कार्यवाही नही रोकने पर कथित तौर पर पत्रकार अमित गिरी पर दबाव बनाते हुए एक लाख रुपए की मांग की गई थी। मगर जब फिरौती नही दी गई तो पत्रकार को बदनाम कर दबाव बनाने की नियत से निकाय विभाग से सूचना प्राप्त कर सोशल मीडिया में अधूरे तथ्यों के आधार पर पोर्टल पर खबर वायरल की गई थी।
दरअसल स्थानीय पत्रकार अमित गिरी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक आवेदन किया गया था। जिसमे व्यक्तिगत कारणों से आवेदक द्वारा ढाई वर्षों पूर्व खुद निकाय विभाग और उत्तराखंड शहरी विकास निदेशालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखित रूप से अपनी सब्सिडी रुकवाकर आवश्यक कार्यवाही कराई जा चुकी थी। वंही आवेदक पत्रकार द्वारा माननीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में पत्रकार के खिलाफ तमाम आपराधिक गतिविधियों से अवगत कराते हुए एक परिवाद दायर किया गया था। जिसके बाद अपने खिलाफ परिवाद वापस लिए जाने की धमकी देकर पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया पर एक भ्रामक खबर का प्रसारण कर दबाव भी बनाया गया, इतना ही नही बल्कि कुछ मीडियाकर्मियों का सहारा लेकर शहरी विकास निदेशालय द्वारा हो चुकी सरकारी कार्यवाही को घोटाला सिद्ध करने की धमकी देते हुए नगर पालिका परिषद में धरना-प्रदर्शन भी किया गया था।
अमित गिरी के अधिवक्ता चौधरी भूप सिंह एडवोकेट ने बताया कि पत्रकार ने एक राशन डीलर से एक क्विंटल चीनी की डिमांड की थी, इसके अलावा 10 हज़ार रुपए की मांग भी की गई थी। और अन्यथा की स्थिति में सूचनाधिकार के तहत सूचनाएं मांग-मांगकर परेशान करने की धमकियां और मानसिक प्रताड़ना की गई थी। आरोपों के मुताबिक … द्वारा खुद को पत्रकार दर्शाते हुए कैमरा खोलकर दबाव बनाते हुए अमित गिरी से भी 50 हजार तो कभी एक लाख रुपए की मांग तक की जा चुकी है। अधिवक्ता ने बताया कि इतना ही नही बल्कि शिकायतकर्ता द्वारा इस प्रकार परेशान नही करने की जब मिन्नतें की गई तो पत्रकार द्वारा मिल बांटकर खाने और अन्यथा परेशान कर आत्महत्या करने पर विवश करने का भी पत्रकार पर गंभीर आरोप है। इस मामले की शिकायत भी लक्सर एसडीएम व एसएसपी तक की गई थी। वही पत्रकार के खिलाफ न्यायालय द्वारा एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए आदेश पारित कर परिवाद दर्ज कर लिया है।