हरिद्वार।
पर्यावरण को सुरक्षित रखने और हरा भरा बनाने को लेकर एनजीओ चलाने वाले एक पेड़ लगाकर 10 अखबारों में छाप कर पर्यावरण सुरक्षित रखने का संदेश देते हैं उसके बाद वह ना तो उस पेड़ को देखने जाते हैं और ना ही उसकी पानी देने की खाद देने की कोई सुध लेते हैं लेकिन हरिद्वार के यह एमबीबीएस डॉक्टर जितेंद्र नागयान जिन्हें पेड़ लगाने का यह जुनून है कि वह न दोपहर देखते हैं न रात देखते हैं जब जहां जगह मिल जाए बस पेड़ लगाना है। शनिवार दोपहर करीब 3:30 बजे भी जहां तापमान अभी 34 डिग्री तक ही पहुंचा है ना ज्ञान जी अपने एक सहयोगी को लेकर नहर के किनारे अमरूद का पौधा रोपण करते नजर आए। जब मैं उनका फोटो खींचने लगा तो मैं तुरंत साइड में खड़े हो गए और मना करने लगे कि फोटो ना लें लेकिन औरों को प्रेरित करने के लिए यह करना भी आवश्यक है। हरे भरे बागों के मामले में कनखल की तुलना कभी स्कॉटलैंड से की जाती थी ना फ्रीज की जरूरत थी और ना ही ऐसी की जरूरत थी कमाई के लालच में अंधाधुन सैकड़ों बाघों की कटाई के बाद आज यहां का तापमान भी दिल्ली की तर्ज पर दिन पर दिन बढ़ रहा है। डॉक्टर नागयान के इस प्रयास में सहयोगी बने और महीने में कम से कम पांच पेड़ अवश्य लगाएं और उन्हें बच्चों की तरह पालने का प्रयास करें यह पेड़ हमसे केवल खाद पानी और थोड़ा सा समय ही मांगते हैं इनकी और कोई डिमांड नहीं है।














































