सुलझी अधजली लाश की गुत्थी, लव ट्रायंगल से प्रेरित ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश
सुलझी अधजली लाश की गुत्थी, लव ट्रायंगल से प्रेरित ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश
हरिद्वार।
पुलिस ने एक फिर ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए बता दिया की अपराध कितना भी छुपा कर किया जाये कानून से छुपाया नहीं जा सकता।
बीते सप्ताह 18 तारीख को श्यामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गाजीवाली में हाईवे किनारे एक खाली प्लॉट पर अधजली महिला की लाश मिली थी जिसका मुह सहित पूरा शरीर जला हुआ था police द्वारा शव की पहचान करने के लाख जतन किये गए पर उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई अब पुलिस के सामने कई सवाल बड़ी चुनोती के रूप में सामने आ गए महिला कोन है किस तरह से हत्या करना, शव को जलाना पहचान ख़त्म कर देना क्यों मारा गया क्यों छुपायी गयी पहचान ? कई सवाल पुलिस, मीडिया और स्थानीय लोगो के जहन में थे इन सब सवालो की खोज के लिए SSP हरिद्वार ने संज्ञान लिया सीओ सिटी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष श्यामपुर मनोज शर्मा के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम गठित की गयी। टीम ने हाईवे से गुजरने वाले लगभग 300-400 वाहनों के CCTV फुटेज का सूक्ष्म विश्लेषण किया। साथ ही, भौतिक और वैज्ञानिक साक्ष्यों को संग्रहित कर मृतका की शिनाख्त के लिए फोटो पंपलेट और सोशल मीडिया का सहारा लिया। दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार पांच दिन में एस ब्लाइंड मर्डर मामले का खुलासा किया गया। जिसमे अज्ञात महिला के शव की पहचान उधम सिंह नगर की सीमा खातून के रूप में हुई। यह मामला प्रेम त्रिकोण और पुरानी दुश्मनी से उपजा था, जहां आरोपी सलमान ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को छिपाने के लिए डीजल से जला दिया था। एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा ने बताया की टीम द्वारा क्षेत्र मे लगे cctv कैमरो की मदद से राह से गुजरने वाले वाहनों को ट्रैक किया गया। बताया की सभी वाहनो का रोड पर कैमरो के बीच से गुजरने का टाइम नोट किया गया, जिसमे होटल मे लगे कैमरे से कांगड़ी के बहार एक आश्रम के में लगे कैमरे के बीच का समय अधिकतर वाहनों का ढाई मिनट के करीब था जबकी एक सफ़ेद कंटेनर को इस चरण को पुरा करने मे 12 से अधिक मिनट का समय लगा था। जिसके चलते सफेद् कैंटेनर पर शक गहरा गया। टीम द्वारा ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन द्वारा ट्रेस किया गया जो काशीपुर का निकला। जिसके बाद वहाँ की पुलिस से सम्पर्क किया गया। वहाँ गुमशुदगी की शिकायत की खोज की गयी, साथ ही ट्रक और ट्रक चालक की तलाश की गयी। काशीपुर कोतवाली मे एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा क्षेत्र के कैमरो की खोज की गयी। जिसमे गुमशुदा महिला सीमा खातून एक अन्य महिला के साथ जाती हुई नज़र आयी। उक्त महिला की तलाश के लिए मुखबिर लगाए गये। संदिग्ध महिला को हिरासत मे लेकर पूछताछ की गयी तो ब्लाइंड मर्डर की गूँथती सुलझती नजर आयी। ट्रक चालक जो वहाँ से निकल चुका था को उसी दिन मुखबिर की सूचना पर थाना श्यामपुर की चेकिंग के दौरान सलमान को रसिया बड़ के पास उसी ट्रक के साथ धर दबोचा। सलमान ने भी पूछताछ में हत्या कबूल की और घटना का पूरा ब्योरा बताया।

जांच के दौरान एक सफेद रंग का कंटेनर ट्रक (रजि. नं. UK18CA-4788) संदिग्ध पाया गया। ANPR (ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों से वाहन की ट्रैकिंग की गई, जो उधम सिंह नगर के काशीपुर तक ले गई। वहां पता चला कि सीमा खातून नाम की एक महिला लापता है। पुलिस ने सीमा को आखिरी बार देखी गई एक महिला को हिरासत में लिया। गहन पूछताछ में उसने हत्या कबूल कर ली। पूछताछ से खुलासा हुआ कि सीमा खातून आरोपी सलमान की प्रेमिका थी। सलमान (30 वर्ष, पुत्र घसीटा खां, निवासी मझरा लक्ष्मीपुर, काशीपुर) कहीं और शादी करना चाहता था, जिससे सीमा नाराज रहती थी। वह बार-बार पैसे की मांग करती और झगड़े करती। घटना वाले दिन (17 अक्टूबर 2025) काशीपुर के KVR तिराहे के पास ट्रक में ही सलमान और सीमा के बीच गाली-गलौज व हाथापाई हुई। गुस्से में सलमान ने चुन्नी से उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इस हत्या में मुख्य आरोपी महिला (पत्नी नासिर निवासी मझरा लक्ष्मीपुर ने सलमान की मदद की। महिला की सीमा से पुरानी रंजिश थी, क्योंकि सीमा ने पहले उसके बेटे को NDPS मामले में मुखबिरी कर जेल भिजवा दिया था। हत्या के बाद दोनों ने शव को ट्रक में लादकर श्यामपुर (हरिद्वार) के खाली प्लॉट पर पहुंचाया और पहचान छिपाने के लिए डीजल डालकर जला दिया।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त ट्रक (UK18CA-4788) और शव जलाने वाले डीजल जरीकन को बरामद कर लिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेजी से चल रही है।

इस सफल अनावरण में हरिद्वार पुलिस की कई टीमों ने योगदान दिया। प्रमुख सदस्यों में निरीक्षक नरेंद्र सिंह विष्ट (प्रभारी सीआईयू), थानाध्यक्ष मनोज शर्मा, उपनिरीक्षक मनोज रावत, गगन मैठाणी, नवीन चौहान, कांस्टेबल मनमोहन सिंह, देशराज, रमेश, नवीन क्षेत्री, दीपक चौधरी, सतेंद्र, दीप गौड़, राहुल देव, अनिल, राजवीर, मनमोहन, हरवीर और नरेंद्र शामिल हैं।
SSP हरिद्वार ने टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह सफलता पुलिस की मेहनत और तकनीकी सहायता का नतीजा है। अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” यह घटना क्षेत्र में सनसनी फैला रही है और पुलिस की सतर्कता का उदाहरण बन गई है।


















































