हरिद्वार।
जुलाई माह की 4 तारीख से श्रावण मास के शुरू होने के साथ ही धर्म नगरी में कावड़ मेले का आगाज हो चुका है। इसे प्रशासनिक लापरवाही ही कही जा सकती है कि कावड़ मेला शुरू होने के दौरान ही जिम्मेदार विभागों को सड़क बनाने पानी की लाइन बिछाने नाला सफाई करने सीवर लाइन की सफाई करनी याद आ रही है जबकि यह सभी कार्य कांवड़ मेला शुरू होने से पूर्व हो जाने चाहिए थे उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी द्वारा 2 माह पूर्व कलेक्ट्रेट सभागार में कांवड़ मेले से संबंधित सभी विभागों की मीटिंग शुरू की गई थी जिसमें हाथ उठाकर और सफाई देकर अपने नंबर बढ़ाने वाले अधिकारी यस सर यस सर कहते रहे परंतु धरातल की सच्चाई यह है कि करीब 3 माह से मीटिंग गो का दौर चलने के बावजूद भी धरातल पर कार्य सिर मुड़ाते ओले पड़ने के समान हुआ यह हम नहीं कहते बल्कि सोशल मीडिया में वायरल वह सब वीडियोस कहती है जिसमें एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा 3 दिन पूर्व पैदल कावड़ यात्रा के मार्ग में टूटी हुई सड़क कीचड़ से भरी और साथ लगी हुई रेलिंग टूटी वीडियो बनाकर वायरल की गई थी इसके अलावा कांवड़ पटरी मार्ग पर पानी भरे गड्ढो में ही सीमेंट बजरी डालकर इतिश्री की गई है। एक और जहां पुलिस प्रशासन शंकराचार्य चौक पर कावड़ियों पर फूल बरसा रहा है वहीं दूसरी ओर हरकी पौड़ी से महज 100 मीटर आगे सीवर लाइन का गंदा पानी जहां सड़क पर कावड़ियों को चलने को मजबूर कर रहा है वही वह सारी गंदगी गंगा जी में जा रही है।