हरिद्वार।
गंगा नदी में बाढ से बचाव और पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करने के लिए रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के तहत किए जा रहे कार्यों पर आधारित है। रिवर ड्रेजिंग नीति 2२1 का उद्देश्य गंगा और अन्य नदियों के प्रवाह को सुचारू बनाना। यह जानकारी उप जिलाधिकारी और जिला खान अधिकारी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है।
बताया कि रिवर ड्रेजिंग कटाव और बाढ$ से होने वाले नुकसान को कम करना। सिल्ट और अवरोध हटाकर नदियों को चैनलाइज करना। गंगा नदी से निकाले गए उप खनिज का उपयोग राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाआें जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में किया जाना। इस कार्य में आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाता है और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाती हैं। विगत वर्षों में बाढ$ का प्रभाव और राहत कार्य गंगा नदी में बाढ$ और अतिवृष्टि के कारण वर्ष 2023 में जनपद हरिद्वार में व्यापक क्षति हुई। बाढ$ से प्रभावित क्षेत्र हरिद्वार शहर के कई हिस्सों जैसे शंकराचार्य चौक, गुरुकुल कांगड$ी, चंद्राचार्य चौक सहित अन्य स्थानों में जलभराव। लक्सर तहसील के शेरपुर बेला, दल्लावाला, चंद्रपुरी खादर, जोगा वाला और सैकड$ों ग्रामों में जलभराव। बताया कि बीते वर्षो में क्षेत्र में आपदा से पांच व्यक्तियों की मृत्यु और दो व्यक्ति घायल। लगभग 25 भवन क्षतिग्रस्त,111 गांवों के 3894 परिवार प्रभावित हुए। प्रभावित व्यक्तियों की संख्या 15796 रही। कुल 28 करोड रुपये की फसलें नष्ट हुई। राहत कार्य प्रभावितों के लिए पांच राहत केंद्र बनाए गए। राहत एवं बचाव कार्य के लिए कुल 42 टीमें लगाई गईं। तात्कालिक रूप से 245 लाख रुपये क्षतिग्रस्त संपत्तियों हेतु आवंटित किए गए। खाद्य एवं राहत सामग्री के वितरण में 322 परिवारों को 1 लाख रुपये से अधिक की सहायता दी गई। सड$क मार्ग 48 सड$क मार्ग बंद हुए या क्षतिग्रस्त हुए। विगत वर्ष गंगा में बाढ$ के कारण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा गंगा कटाव से बचाव कार्यों के लिए धनराशि की मांग की गई थी। यह धनराशि कनखल एवं शहरी क्षेत्र के साथ—साथ राष्ट्रीय राजमार्ग को संभावित नुकसान से बचाने के लिए प्रस्तावित की गई थी। प्रतिवर्ष गंगा में आने वाली बाढ$ से जमा होने वाले सिल्ट को हटाने के लिए श्यामपुर कांगड$ी और लक्सर सहित कई क्षेत्रों में क्यूनेट खुदान कर गंगा की धारा को सीधा करने के लिए सिंचाई विभाग को लाखों रुपये की धनराशि आवंटित की जाती है। एक तरफ जहां क्यूनेट खुदाई के लिए विभागों को धनराशि दी जाती है, वहीं रिवर ड्रेजिंग के तहत क्यूनेट खुदान कर गंगा की धारा को चैनलाइज किया जाता है। इससे न केवल गंगा का प्रवाह बेहतर होता है, बल्कि शासन को राजस्व की प्राप्ति होती है और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाआें में उप खनिजों की आपूर्ति भी सुनिश्चित होती है।
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अवैध खनन पर कार्रवाई
अवैध खनन के खिलाफ शासन की जीरो टालरेंस नीति के तहत अप्रैल 2२४ से नवंबर 2२४ तक सख्त कार्रवाई की गई।
स्टोन क्रेशरों पर आरोपित धनराशि कुल 138 स्टोन क्रेशरों पर 10 करोड 20 रुपये का अर्थदंड। अवैध खननकर्ताआें भंडारण कर्ताआें पर आरोपित धनराशि 161 प्रकरणों में 14 करोड 134२00 रुपये का अर्थदंड। वाहनों पर वसूली गई धनराशि 276 वाहनों से कुल 92 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
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रिवर ड्रेजिंग कार्य और न्यायालय के आदेश
गंगा नदी में रिवर ड्रेजिंग का यह कार्य दिनेश चंदोला आदि रिट याचिकाआें में न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। कार्यवाही में सभी तकनीकी और पर्यावरणीय मानकों का पालन किया गया है।
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रिवर ड्रेजिंग के लाभ
गंगा नदी को चैनलाइज किया जा रहा है, जिससे आगामी मानसून में बाढ$ से बचाव होगा। गंगा से निकले उप खनिजों का उपयोग राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाआें में किया जा रहा है, जो विकास और आपदा प्रबंधन दोनों में सहायक है।
हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में गंगा नदी के प्रवाह और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के तहत किए जा रहे कार्य, बाढ से बचाव के उपाय, और अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।