उत्तराखंड हरिद्वार

कैसे बनेगा विशाल महातटबंध, आश्रम माफियाओ ने कम कर दिये गंगा के किनारे

भू- कटाव रोकने के लिए कांगडी से सजनपुर पीली तक बनेगा आस्था पथ जैसा तटबंध

-स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयास से मुख्यमंत्री धामी ने दी बडी सौगात
– 5.5 मीटर चौड़ा और 15 फीट ऊंचाई का 7.5 किमी दूरी तक का बनेगा विशाल महा तटबंध

हरिद्वार।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयास से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांगड़ी, गाजीवाली उर्फ आर्यनगर, श्यामपुर, सजनपुर, बाहरपीली तक करीब 2 हजार की आबादी को मुश्किलों के निकालने के लिए बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने ग्राम  कांगड़ी  से लेकर सजनपुर बाहर पीली तक गंगा किनारे साढे 7 किमी लंबाई का, साडे 5 मीटर चौड़ा और 15 फीट ऊंचाई का विशालकाय तटबंध बनाने के लिए कार्य शुभारंभ करा दिया है। स्थानीय निवासियों एवं संतों के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए तटबंध का नाम श्रद्धानंद आस्था पथ रखने का प्रस्ताव दिया।
सोमवार को स्थानीय निवासियों के साथ संतों ने ग्राम  कांगड़ी  में गंगा किनारे यज्ञ कर तटबंध के कार्य का शुभारंभ किया। इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि चंडीघाट से आगे कांगड़ी, गाजीवाली उर्फ आर्यनगर, श्यामपुर, सजनपुर, बाहर पीली ग्राम निवासियों की खेती की भूमि का निरंतर कटाव हो रहा था और कटाव होते होते आबादी तक पहुंचने लगा। मानसून शुरू होते ही गंगा किनारे बसे ग्रामीणों में कटाव को लेकर दहशत फैल जाती थी। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद क्षेत्र वासियों की समस्या को लेकर लंबे समय से संघर्षरत थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए गंगा किनारे कटाव को रोकने के साथ बढ$ते धार्मिक आयोजनों को मद्देनजर रखते हुए महाविशालकाय तटबंध निर्माण के लिए मंजूरी दी। स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन से पांच गांवों की भूमि का कटाव रुकेगा, साथ ही तटबंध को आस्था पथ का रूप देकर बड़ा अह्म काम किया है। तटबंध का निर्माण होने कभी कटाव नहीं होगा। कार्यक्रम में मौजूद ग्राम प्रधानों, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि, महंत देवेंद्र तोमर महाराज आदि ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। सभी स्थानीय निवासियों की मांग पर स्वामी यतीश्वरानंद ने तटबंध का नाम श्रद्धानंद आस्था पथ रखने का प्रस्ताव रखा। महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि ने मुख्यमंत्री को दूरदर्शी और जनता हितैषी करार दिया। कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री का अभिनंदन करेंगे। उत्तराखंड के सिंचाई विभाग की आेर से सिंचाई विभाग के अधीशासी अभियंता ओम गुप्ता, एई देवदत्त, जेई रविंद्र, जेई ब्रिजेश ने तटबंध के बारे में बताया। भू कटाव रोकने के साथ ऋषिकेश की भांति आस्था पथ की तर्ज पर बनाया जाएगा। साढे 7 किमी दूरी का पथ भ्रमण करने योग्य होगा। भविष्य में गंगाघाट भी बन सकेंगे। अवधि 18 महीने में तैयार करके दिया जाएगा। इस मौके पर ग्राम प्रधान कांगड़ी शीतल देवी, ग्राम प्रधान श्यामपुर योगेश चौहान, ग्राम प्रधान सजनपुर सुनील पाल, ग्राम प्रधान गाजीवाली देवेंद्र नेगी, पूर्व प्रधान होरी सिंह, पूर्व प्रधान महेश कुमार, मंडल अध्यक्ष विक्रम चौहान, मंडल महामंत्री सुनील पाल, सरिता अमोली, विनोद पोखरियाल, फकीर चंद, सोनू राणा, मुलायम पाल, अमित कुमार, हरिमोहन शर्मा, सुमित सचदेवा, ओमप्रकाश, गंगाधर पाल, सरदार चंचल, मोहन, भुवन काला, महावीर, सुंदर कुमार, राहुल शर्मा आदि शामिल हुए।

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कैसे बनेगा विशाल महातटबंध, आश्रम माफियाओ ने कम कर दिये गंगा के किनारे
मुख्यमंत्री द्वारा हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा के लालढाग क्षेत्र के गंगा के किनारे पांच गांव केे पास महा तटबंध की घोषणा के साथ यज्ञ के साथ निर्माण कार्य का उदघाटन भी कर दिया गया। हालांकि विशाल महातटबंध बनने से ग्रामीणो को प्रतिवर्ष गंगा में आने वाले बाढ के पानी की तबाही से निजात मिलेगी। लेकिन बडा सवाल है कि कांगडी गांव से लेकर सजनपुर पीली गांव तक गंगा किनारे कई बडे रिजोर्ट व बडी राजनैतिक पकड रखने वाले संतो के होटल नुमा आश्रम बने हुए है। जिन्होंने तिकडम के आधार पर गंगा भूमि पर अवैध कब्जे कर दीवारे खडी कर दी है तो कई ने घाट बना दिये है। यदि सरकार बिना अवैध कब्जों को हटाए महा तटबंध बनाती है तो इन भव्य होटल नुमा आश्रमों की अवैध कब्जेवाली भूमि भी वैध हो जाएगी, या सरकार द्वारा पैमाईश कर अवैध भूमि छुडाई जाएगी। ये भविष्य के गर्भ में है सरकार राजनीतिक संतो के दबाव में आती है या गंगा तटबंध को कब्जा मुक्त कराती है..?

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