हरिद्वार में एफ.डी.ए. की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 20 दवाओं के नमूने लिए, प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त निगरानी
हरिद्वार
बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) ने हरिद्वार में कफ सिरप और अन्य औषधियों की गुणवत्ता जांच के लिए बड़ा अभियान चलाया।
शनिवार को जिलेभर में फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और CMSD स्टोर्स का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान Shreya Pharma (भगवानपुर), Kim Laboratories (मखनपुर, भगवानपुर) और Omega Pharma सहित विभिन्न स्थानों से टीम ने कुल 20 नमूने जांच के लिए एकत्र किए।
एफ.डी.ए. टीम में सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती, ड्रग इंस्पेक्टर मेघा, ड्रग इंस्पेक्टर हरीश और सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) के अधिकारी शामिल थे। टीम ने यह सुनिश्चित किया कि बाजार में उपलब्ध सभी दवाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप हों और बच्चों की सुरक्षा को कोई खतरा न हो।
यदि किसी नमूने में दोषपूर्ण दवा पाई जाती है तो उसे तुरंत बाजार से हटाने और संबंधित कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, एफ.डी.ए. डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (CMO) और औषधि निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि
भारत सरकार की एडवाइजरी का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें। नियमित रूप से CMSD स्टोर, मेडिकल स्टोर और फार्मा कंपनियों से नमूने लें। संदिग्ध या दोषपूर्ण दवाओं को तुरंत बाजार से हटाएँ। दोषी कंपनियों और स्टोर्स पर कानूनी कार्रवाई करें।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चों और आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एफ.डी.ए. ने जिले के डॉक्टरों से अपील की है कि वे प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें और केवल सुरक्षित व अनुमोदित दवाओं का ही प्रयोग करें।
साथ ही, जनता से अनुरोध किया गया है कि किसी भी संदिग्ध दवा या मेडिकल स्टोर की सूचना तुरंत विभाग को दें ताकि समय पर कार्रवाई हो सके।
सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी भी दोषपूर्ण दवा या स्टोर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
हरिद्वार जिले में एफ.डी.ए. का यह अभियान राज्य सरकार की गंभीरता और जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए छापेमारी अभियान जारी रहेगा कि बाजार में उपलब्ध सभी दवाएं सुरक्षित, मानकों के अनुरूप और जनता के हित में हों।


















































