हरिद्वार।
ज़ब ज़ब भी भेल या अन्य सरकारी कंपनियों के निजीकरण की बात उठती है मजदूर संगठनों का मुखर विरोध देखने को मिलता है। वहीं सरकार के पास बूढ़े और बीमार हो चुके उपक्रमों को चलाने से हाथ खिंचती नजर आती है। हालांकि सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अपनी आय बढ़ाने के व्यापारिक स्वयत्ता देने के भरसक प्रयास किए क़गए पर सारे प्रयासों को उनके अधिकारी ही ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैँ।
ताज़ा मामला भेल के पूर्व कार्यपालक निदेशक द्वारा नियमों को ताक पर रखते हुए भरस्टाचार का है। सुचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ है की भेल हरिद्वार के पूर्व कार्यपालक निदेशक द्वारा पंजाबी- पंजाबी भाई भाई रिश्तेदारी निभाते हुए बिना टेंडर प्रक्रिया के भेल उपनगरी क्षेत्र में पर्सनल इन्क्वारी (पर्सनल लाभ) के चलते ई- टेंडर प्रक्रिया को धत्ता बताते हुए अपने रिश्तेदार को करोड़ों का विज्ञापन कार्य कौड़ियों में आवंटित कर भेल को करोड़ों का चूना लगा दिया। भेल कार्यपालक निदेशक के रिश्तेदार नें भेल द्वारा किये गये अनुबंध की आड़ में अवैध अतिक्रमण कर अवैध धन का संग्रहण किया जा रहा है। जिससे भेल को भारी राजस्व की हानि भी हो रही है। जिसको उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
उपरोक्त भ्रस्टाचार संदर्भ में बता दें की सारे नियमों की भेल प्रशाशन द्वारा बिना निविदा के होर्डिंग व् यूनिपोल इत्यादि का कार्य पांच वर्षों के लिए ऋषि सचदेवा प्रोपराइटर मैo गैलेक्सी एडवटाईजर को 11 युनिपोलों और 100 कियोस्क लगाने की अनुमति बिना निविदा के प्रदान की गयी थी। तत्कालीन कार्यपालक निदेशक द्वारा निजी व् अर्थ लाभ लेते हुए गैलेक्सी एडवरटाइजिंग प्रॉपo ऋषि सचदेवा को बिना निविदा प्रक्रिया के अनुबंध करवा लिया गया। गैलेक्सी द्वारा यह अनुबंध जिस दर पर हासिल किया गया वह भेल नागरिक क्षेत्र से लगे हुए नगर निगम हरिद्वार के विज्ञापन टेंडर के सापेक्ष राजस्व राशी का 5% भी नहीं है। जबकि नगर निगम के सरकारी गजट 2015 के अनुसार विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों व् प्रथक प्रथक साइज़ पर स्क्वायर फिट के हिसाब से प्रथक प्रथक शुल्क निर्धारित किया गया है। अनुबंध में विज्ञापन पट के साइज़ व् A और B साइड का प्रथक शुल्क निर्धारित किया जाता है। सचदेवा द्वारा अनुबंध में होर्डिंग व् यूनिपोल इत्यादि की कुल निर्धारित संख्या 11 के स्थान पर भेल के स्वामित्व क्षेत्र में 25 से ज्यादा युनिपोल और 1000 कियोस्क लगाये गए है। लगभग तीन वर्षों से अधिकारीयों और ठेकेदार की अवैध वसूली लगातार जारी थी, की अचानक भेल प्रशाशन के अधिकारीयों को एडवटाईजर के अवैध अतिक्रमण की जानकारी मिलती है और भेल प्रशासन अपनी जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण के लिए 13 जनवरी 2023 को चिन्हित करके सभी 15 से ज्यादा होर्डिंग पर नोटिस चस्पा करके 23 जनवरी 2023, तक हटा लेने को कहती है पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
जबकि गैलेक्सी द्वारा लगभग सत्तर हजार मासिक प्रति होर्डिंग की दर से साल की 2 करोड़ 10 लाख रूपये की सालाना अवैध वसूली की जा रही है। जिसका एक निश्चित हिस्सा भेल के उच्चाधिकारियों को भी प्रति माह लाभांश के रूप में वितरित किया जाता है जिसके कारण सभीने भ्रस्टाचार पर मौन धारण किया हुआ है।
वहीं दूसरी ओर प्रशाशन की आँख में धुल झोंकने व् अपने भ्रस्टाचार को आवरण देने के लिए ऋषि सचदेवा द्वारा नगरपालिका शिवालिकनगर के साथ मिली भगत करते हुए एक लिमिटेड टेंडर दर्शा कर। जिसमें प्रतिभाग करने वाली तीन कंपनियों में एक स्वयं ऋषि सचदेवा की, दूसरी कंपनी सिद्धांत सचदेवा पुत्र ऋषि सचदेवा मै ० न्यू ० इरा० एडवरटाईजिंग और तीसरी कंपनी (डमी) के मध्य नया टेंडर दिखा कर पहले से मौजूद टेंडर को बिना निरस्त किये वित्तीय वर्ष 2021-22 में होर्डिंग व् यूनिपोल आदि का कार्य पुनः तीन वर्षों के लिए मै ० न्यू ० इरा० एडवरटाईजिंग को लिमिटेड टेंडर दिखा कर निजी रूप से एक ही परिवार के पिता एवं पुत्र की कम्पनी को परस्पर प्रथक निविदाकर्ता कंपनी प्रदर्शित करते हुए पुत्र की कंपनी मै ० न्यू ० इरा० एडवरटाईजिंग को कार्य आवंटित कर दिया, ऋषि सचदेवा द्वारा पुत्र की कंपनी के अनुबंध की आड़ में सारे होर्डिंग भेल के स्वामित्व वाली भूमि पर खड़े करके दिए गए।
वहीं इस भरस्टाचार में कुम्भ मेला 2021 में नगर पालिका सफाई कर्मियों के EPF घोटाले में भरस्टाचार साबित हो चुके व अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे निवर्तमान अधिशासी अधिकारी रहे बलविंदर सिंह की संदिग्ध भूमिका भी सामने आ रही है। वहीं इस संदर्भ में अधीशाषी अधिकारी शिवालिकनगर नगरपालिका का कहना था की अगर अवैध अतिक्रमण किया गया है तो इस पर कार्यवाही जमीन के मालिक को करनी चाहिए और जमीन भेल की है। उसकी देखरेख भेल को करनी होगी इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।
इस प्रकार एक ही परिवार के पिता एवं पुत्र की कम्पनी द्वारा अलग भेल के स्वामित्व वाली सडकों व् भूमि के ऊपर भी यूनिपोल लगा, अवैध अतिक्रमण कर नगरपालिका व् भेल प्रशाशन दोनों को गुमराह कर अवैध वसूली की जा रही है व् लाभांश के रूप में एक निश्चित हिस्सा नगरपालिका शिवालिकनगर के कार्मिकों को भी वितरित किया जा रहा है। जियो टैग किये अवैध होर्डिंग की फोटोग्राफ्स को देख स्पष्ट होता है की कई स्थान पर पिता एवं पुत्र की कम्पनी द्वारा भेल स्वामित्व वाली भूमि पर अतिक्रमण करते हुए भेल प्रशाशन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।