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सीएम के आदेश की अवहेलना, अंधकारमय रहे धनुष पुल व ब्रहमपुल दोषी कौन ?

हरिद्वार।
सामाजिक कार्यकर्ता अध्यक्ष राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन रमेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री से वर्ष 2016 में लिखित आवेदन देकर हर की पौड़ी पर निर्माण कराए गए धनुष पुल पर स्थाई प्रकाश की व्यवस्था कराने का निवेदन किया था। जिस पर स्वयं मुख्यमंत्री नेे आदेश दिया था कि धनुष पुल पर स्थाई लाइट लगाएं।  उक्त आदेशानुसार अनुसचिव अर्पण राजू ने शासकीय आदेश 10 अक्टूबर 2016 को प्रेषित कराया था। उक्त आदेश पर 7 वर्ष तक धनुष पुल पर एक बल्ब तक न  लग पाने पर 3 मार्च 2023 को सूचना आवेदन प्रस्तुत कर धनुष पुल तथा ब्रह्म पुल पर मुख्यमंत्री के जारी आदेशानुसार प्रकाश व्यवस्था ना कराने की जानकारियां मांगी थी। जानकारी न देने पर प्रथम अपील उपरांत मामला सूचना आयुक्त विपिन चंद्र न्यायपीठ समक्ष द्वितीय  अपील संख्या 38593 दर्ज हुआ था। जिसकी सुनवाई करते हुए 11 दिसम्बर 2023 को सूचना आयुक्त ने सचिव को निर्देश दिया था कि विभागीय प्रक्रिया अनुसार किसी योजना को लंबित रखना उचित नहीं है। अंत लंबित कार्यवाही को  यथाशीघ्र  पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे। आयोग के निर्देशों का पालन 15 दिन में सुनिश्चित करेंगे। उक्त आदेश का अनुपालन न कराने से भगवान राम लला प्रतिष्ठा समारोह के दिन तक मुख्यमंत्री की उपस्थिति में धनुषपुल ब्रह्मपूल अंधकार मय रहा।

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